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नक्सल समस्या केवल ‘पुलिस समस्या’ नहीं है जो केवल बल प्रयोग से हल हो जाए- इसके अनेक जटिल पहलू हैं. सरकार को अपना झूठा अहंकार त्यागकर उन पहलुओं को भी संबोधित करना चाहिए.

राजधानी दिल्ली में कोरोना का कहर जारी है। बीते 24 घंटों के दौरान दिल्ली में कोरोना के 8,521 नए केस सामने आए हैं। वहीं 39 लोगों की मौत भी इस दौरान दर्ज की गई है। इस बीच खबर आई है कि दिल्ली एम्स में दो डॉक्टरों समेत 26 स्वास्थ्यकर्मी भी पाजिटिव पाए गए हैं।

विधानसभा चुनाव राउंड अप: केंद्रीय बलों पर टिप्पणी के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के ख़िलाफ़ चुनाव आयोग ने नोटिस जारी किया है, वहीं सुप्रीम कोर्ट ने उन पर कथित हमले की जांच की याचिका पर विचार से इनकार कर दिया है. कांग्रेस ने केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के विरुद्ध निर्वाचन आयोग में की शिकायत है.

कांग्रेस ने केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को तीखा जवाब दिया है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर कहा है कि कोरोना के बारे में हल्ला और राफेल पर चुप्पी ‘चोर मचाए शोर’ वाली स्थिति है।

दुनिया की सबसे बड़ी और लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन के नाम पर धोखाधड़ी का बड़ा मामला सामने आया है जिसमें ब्रिटेन के एक शख्स ने लोगों को ट्रेडिंग का झांसा देकर 20,000 बिटकॉइन ले लिए और अफगानिस्तान के हेलमंद प्रांत में शनिवार को एक सुरक्षा चौकी पर हमले में कम से कम नौ पुलिसकर्मी मारे गए।

म्यांमार में इस साल फरवरी में सेना द्वारा किए गए तख्तापलट के बाद से प्रदर्शन कर रहे लोगों का वहां लगातार दमन जारी है। ‘ऑर्म्ड फोर्सेस डे’ के मौके पर शनिवार को विरोध-प्रदर्शन कर रहे लोगों पर सेना ने अंधाधुंध गोलियां बरसाकर 91 लोगों को मौत के घाट उतार दिया।

पश्चिम बंगाल और असम में विधानसभा चुनाव के पहले दौर में मतदाताओं ने बंपर वोटिंग की। इससे जहां पहले दौर के उम्मीदवारों की धड़कने बढ़ गई हैं वहीं राजनीतिक विश्लेषक इस कयास में जुट गए हैं कि आखिर इसके क्या मायने हैं और इससे किसे फायदा होगा!

पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए ममता बनर्जी ने बुधवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का घोषणा पत्र जारी कर दिया। कोलकाता में घोषणा पत्र जारी करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कई नए वादे किए हैं।

मोदीजी को पिछले छह सालों में खुद का किया ऐसा जबरदस्त विकास नजर आता है, जितना बीते साठ साल में पहले कभी नहीं हुआ।

प्रधानमंत्री मोदी को लेकर कहा जाता है कि वह चाहे जो भी निर्णय लेते हों, पर अब एक अच्छे श्रोता हैं, लेकिन योगी में सामने वाले की बात सुनने का जरा भी धैर्य नहीं है।

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