हाईकोर्ट द्वारा याचिका ख़ारिज किये जाने को अशोक गहलोत सरकार को बड़ी राहत माना जा रहा है।बहुजन समाज पार्टी के विधायक लखन सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि ‘हमें मीडिया से पता चला है कि उन्होंने (BSP) कोई नोटिस भी दिया है पर हमें कोई नोटिस नहीं मिला है। हम कांग्रेस के साथ हैं चाहे कोई भी परिस्थिति आए।’
उन्होंने कहा कि ‘हम पहले ही 6 के 6 विधायक कांग्रेस में विलय कर चुके हैं। 9 महीने के बाद अब BSP को याद आई है। ये BSP नहीं, BJP के कहने से मैनेज किया हथकंडा है। उसी आधार पर ये व्हिप जारी किया गया है उसी आधार पर ये कोर्ट जा रहे हैं।’सीएम गहलोत ने पीएम मोदी से फोन पर की राज्यपाल के व्यव्हार की शिकायत
राजस्थान में कांग्रेस विधायकों की खरीद फरोख्त का मामला उजागर होने के बाद पैदा हुई रार राजभवन के बाद पीएम नरेंद्र मोदी तक पहुंच गई है। केबिनेट द्वारा विधानसभा का सत्र बुलाये जाने के लिए भेजे गए प्रस्ताव पर राज्यपाल कालराज मिश्र की ख़ामोशी को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यह मामला पीएम मोदी के समक्ष उठाया है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि उन्होंने रविवार को पीएम नरेंद्र मोदी को फ़ोन कर पूरे मामले की जानकारी दी है। गहलोत ने कहा कि ‘मैंने कल प्रधानमंत्री के साथ बात की और उन्हें राज्यपाल के व्यवहार के बारे में बताया। मैंने उनके साथ उस पत्र के संबंध में भी बात की जो मैंने उन्हें सात दिन पहले लिखा था।’
चिदंबरम ने की प्रेस कांफ्रेंस:
वहीँ राजस्थान मामले में कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने पत्रकार वार्ता में कहा कि “हम राजस्थान राज्यपाल के रवैये से हैरान और परेशान हैं। हम आज देश के सभी राजभवनों के सामने विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, ताकि इस मुद्दे की गंभीरता को उजागर किया जा सके और लोगों का ध्यान संविधान के उल्लंघनों की ओर आकर्षित किया जा सके।”
पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि “संसदीय लोकतंत्र का मौलिक आधार एक कार्यकारी विधानसभा है। यदि कार्यकारी सरकार विधानसभा सत्र को बुलाना चाहती है, तो उसे यह सत्र बुलाने का पूरा अधिकार है। राज्यपाल केवल विधायकों को हस्ताक्षर करने और समन जारी करने के लिए एक औपचारिक दस्वावेज है।”
विधानसभा स्पीकर ने वापस ली याचिका:
वहीँ दूसरी तरफ कांग्रेस ने तय किया है कि वह राजस्थान मामले में कानूनी लड़ाई की जगह ज़मीन पर लड़ाई लड़ेगी। राजस्थान के विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपनी याचिका वापस ले ली है। इस याचिका में विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और 18 अन्य विधायकों को जारी अयोग्यता नोटिसों पर अपना फैसला टालने के लिए कहा था।