सूत्रों के मुताबिक विधानसभा सत्र के मसौदे में फ्लोर टेस्ट शामिल नहीं है। मसौदे में विधानसभा सत्र बुलाये जाने के लिए कोरोना संक्रमण पर चर्चा की बात कही गई है। सूत्रों ने कहा कि राज्यपाल कालराज मिश्र को भेजे गए संशोधित प्रस्ताव में कहा गया है कि राजस्थान में कोरोना संक्रमण की स्थति पर चर्चा के लिए विधानसभा का सत्र बुलाया जाए।
इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सार्वजनिक रूप से फ्लोर टेस्ट की मांग करते हुए राजस्थान विधानसभा का सत्र बुलाये जाने की बात कही थी। उन्होंने यह भी कहा था कि हम कह रहे हैं कि फ्लोर टेस्ट कराओ, दूध का दूध पानी का पानी हो जायेगा।
इस बीच राजस्थान सरकार में मंत्री प्रताप खचरियावास ने कहा है कि राज्यपाल कलराज मिश्र भाजपा के कार्यकर्ता नहीं हैं बल्कि राजस्थान सरकार के प्रमुख हैं।
उन्होंने कहा कि ये हमारा नैतिक और कानूनी अधिकार है कि हम संवैधानिक प्रमुख के घर जाएं और उन्हें अपनी समस्याएं कहें। न्यूज़ एजेंसी एएनआई के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि संविधान की रक्षा करने के लिए अपील करना, राज्यपाल से अपना हक मांगना ये हमारा अधिकार है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान “जनता राजभवन घेर लेगी” के सवाल पर खचरियावास ने कहा कि मुख्ममंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि लोग राजभवन आएंगे, इसका मतलब ये नहीं था कि ये लोग राजभवन के अंदर घुस जाएंगे। उन्होंने कहा कि यदि राज्यपाल पर एक कंकड़ भी फेंका जाता है तो सीएम गहलोत खुद पहले इसका सामना करेंगे। राजस्थान कैबिनेट इसका सामना करेगी, राजस्थान पुलिस इसे देखेगी।