पूर्व वित्त मंत्री ने सवाल किया कि क्या MCA (मिनिस्ट्री ऑफ कॉर्पोरेट अफेयर्स) कंपनी अधिनियम में उक्त अनुसूची में अन्य निजी रूप से स्थापित फंड के नाम सम्मिलित करेगा?
चिदंबरम ने सवाल किया कि क्या कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय द्वारा समाप्त की गई फंड केंद्र सरकार स्थापित किया था? यदि नहीं, तो फंड किसने और किस क्षमता में स्थापित की? अगर केंद्र सरकार ने फंड नहीं बनाया तो प्रधानमंत्री और तीन मंत्री इसके ट्रस्टी क्यों हैं? उन्हें ट्रस्टी किसने नियुक्त किया?
चिदंबरम ने कहा कि एक निजी तौर पर स्थापित फंड के पक्ष में भूतलक्षी संशोधन स्पष्ट रूप से पक्षपात और भेदभावपूर्ण कार्य है और इसे चुनौती दी जाएगी।पीएम केयर्स फंड को लेकर चिदंबरम का यह बयान सुप्रीमकोर्ट द्वारा मंगलवार को दिए गए फैसले के बाद आया है। सुप्रीमकोर्ट कोर्ट ने केंद्र को कोविड-19 से लड़ने के लिए पीएम केयर्स फंड में मिली दान की राशि को राष्ट्रीय आपदा मोचन कोष (एनडीआरएफ) में स्थानांतरित करने का निर्देश देने से इनकार कर दिया था।