कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों को दिल्ली की सीमाओं पर धरना-प्रदर्शन करते हुए गुरुवार को 133 दिन हो गए। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि सरकार का ध्यान आकृष्ट करने के लिए आंदोलन के 135वें दिन 10 अप्रैल को केएमपी एक्सप्रेस-वे को 24 घंटे के लिए बंद रखने का आह्वान किया गया है।
मोर्चा ने भरोसा दिलाते हुए कहा, "हम सभी किसानों की तरफ से आश्वस्त करते हैं कि बंद के दौरान एक्सप्रेस-वे पर लोगों के साथ अच्छा व्यवहार किया जाएगा।"दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे लंबे आंदोलन को किसान मजबूत धार देने में लगे हुए हैं, यही वजह है कि देश के विभिन्न हिस्सों में महापंचायतों के अलावा कभी भारत बंद तो कभी केएमपी बंद करने की रूपरेखा बनाई जा रही है।सयुंक्त किसान मोर्चा ने स्पष्ट किया कि किसान कभी नागरिकों को परेशान नहीं कर सकते, उनकी मंशा सिर्फ सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाना है।
मोर्चा ने एक बयान जारी कर कहा, "हम सभी किसानों की तरफ से आश्वस्त करते हैं कि केएमपी बंद पूर्ण रूप से शांतमय रहेगा। हम आम नागरिकों से आग्रह करते हैं कि अन्नदाता के सम्मान में इस कार्यक्रम में अपना सहयोग दें।"
तीन नए खेती कानूनों के खिलाफ किसान पिछले साल 26 नवंबर से ही राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों ने सरकार पर दबाब डालने के लिए इससे पहले भी रणनीति बनाकर आंदोलन के अलग-अलग रूप दिखा चुके हैं, लेकिन सरकार और किसान नेताओं के बीच फिर से वार्ता शुरू होने की सूरत अब तक नहीं बन पाई है।