कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा कि भारतीय वैज्ञानिक समुदाय ने समाधान विकसित करने के लिए ओवरटाइम काम किया था, लेकिन उनके प्रयासों को केंद्र ने खराब कार्यान्वयन और असावधानी से कम कर दिया। उन्होंने यह भी मांग की कि सरकार वैक्सीन के निर्यात पर तत्काल रोक लगाए और टीकाकरण को हर उस व्यक्ति तक पहुंचाए, जिसे इसकी आवश्यकता है।
अपने तीन पन्नों के पत्र में राहुल ने कहा, "मैं आपको बड़ी चिंता के साथ लिख रहा हूं क्योंकि हम एक बार फिर से कोरोनावायरस महामारी की चपेट में हैं। बीते वर्ष से, हमारे देश में अपूरणीय क्षति हुई है और एक बार फिर हम वायरस के नए हमले का सामना कर रहे हैं।"
कांग्रेस नेता ने कहा कि यह 'दुर्भाग्यपूर्ण' है कि हमारे वैज्ञानिक समुदाय और वैक्सीन आपूर्तिकर्ताओं ने समाधान विकसित करने के लिए ओवरटाइम किया, लेकिन उनके प्रयासों को केंद्र के खराब कार्यान्वयन से कम कर दिया।"
कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि टीकाकरण में भारत को सबसे पहले आगे बढ़ने का लाभ मिला और फिर भी हम काफी कम गति से आगे बढ़ रहे हैं।
"ऐतिहासिक रूप से, भारत ने दुनिया के कुछ सबसे बड़े टीकाकरण कार्यक्रमों को डिजाइन करने और निष्पादित करने में प्रचूर अनुभव प्राप्त किया है। फिर भी वर्तमान मामले में, हम तीन महीनों में एक प्रतिशत से भी कम लोगों को पूरी तरह से टीकाकरण करने में कामयाब रहे हैं।"
उन्होंने यह भी कहा कि हमारे वर्तमान टीकाकरण की दर से देखें तो 75 प्रतिशत आबादी को टीका लगाने में कई साल लगेंगे। इससे भयावह प्रभाव पड़ेगा और भारत की अर्थव्यवस्था में गंभीर गिरावट आएगी।"
कोविड-19 टीकों को विदेशों में निर्यात करने के निर्णय पर सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए उन्होंने कहा, "इस बात का कोई स्पष्ट कारण नहीं है कि सरकार ने टीकों के बड़े पैमाने पर निर्यात की अनुमति क्यों दी। जबकि हमारा राष्ट्र टीकाकरण की कमी का सामना कर रहा है। टीकों की छह करोड़ से अधिक खुराक का निर्यात किया गया है।"