इकनॉमिक टाइम्स के मुताबिक, “द वॉल स्ट्रीट जर्नल” की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि फेसबुक जान-बूझकर भाजपा नेताओं की ‘हेट स्पीच’ वाली पोस्ट्स के खिलाफ ऐक्शन नहीं लेता।
इस रिपोर्ट के बाद फेसबुक ने भाजपा नेता टी राजा सिंह के उस पोस्ट को हटाया। इस पूरे प्रकरण को लेकर “द वॉल स्ट्रीट जर्नल” में एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी। रिपोर्ट में तेलंगाना के भाजपा विधायक टी राजा सिंह की एक पोस्ट का हवाला दिया गया था जिसमें फेसबुक के नियमों का उल्लघंन हुआ था।
वहीं इस रिपोर्ट के प्रकाशित होने के बाद फेसबुक के प्रवक्ता ने एक ईमेल में कहा कि “हम हेट स्पीच या हिंसा केा बढ़ावा देने वाले कॉन्टेंट को प्रतिबंधित करते हैं और इस तरह की नीतियों को पूरी दुनिया में किसी की राजनीतिक स्थिति से इतर लागू करते हैं। हमें पता है कि आगे बहुत कुछ करना है, इसे लेकर हमारी प्रक्रिया जारी है। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि हम निष्पक्ष और सटीक रहें।
फेसबुक की भगवागीरी उजागर होने के बाद कांग्रेस ने सवाल उठाये हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा कि “फेसबुक झूठ का सबसे बड़ा मंच है। समाजिक संस्कृति और उचित बहस के लिए फेसबुक बहुत बड़ा खतरा है। उन्होंन संसद से आग्रह किया फेसबुक की कार्यशैली की जांच करे।”
वहीँ कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा है कि सूचना तकनीक पर बनी संसद की स्थायी समिति उस रिपोर्ट की जांच करेगी जिसमें फेसबुक द्वारा भाजपा विधायक के विवादित पोस्ट को नहीं हटाए जाने की बात कही गई है। इस समिति के अध्यक्ष कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि ये जो मुद्दा उठा है, इसे मैं देखूंगा और वास्तव में उनका नाम जानना चाहूंगा।
इससे पहले आज पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी इस मामले में सवाल उठाये। राहुल गांधी ने समाचार पत्रों की क्लिपिंग को ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा कि ‘भारत में बीजेपी-आरएसएस फेसबुक को कंट्रोल करते हैं, वे इसके माध्यम से फेक न्यूज़ और घृणा फैलाने और चुनावो को प्रभावित करने के लिए इस्तेमाल करते हैं, अन्तः अमेरिकी मीडिया ने फेसबुक की सच्चाई उजागर कर दी है।’