IndiaMirror Hindi https://hindimirror.net/index.php/en/component/k2/itemlist/category/9-health.html 2024-05-02T15:20:12+00:00 Joomla! - Open Source Content Management UP सरकार ने नदियों में शव प्रवाहित करने पर रोक लगाई; केंद्र सरकार ने IIT कानपुर से मांगी रिपोर्ट 2021-05-14T14:52:50+00:00 2021-05-14T14:52:50+00:00 https://hindimirror.net/index.php/en/component/k2/item/172-up-iit.html Super User info@indiamirror.net <div class="K2FeedIntroText"><p style="text-align: center;"><strong><img src="https://hindimirror.net/images/Health/lucknow.jpg" alt="" /></strong></p> <p><strong>लखनऊ:</strong> उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में 14 स्वास्थ्य केंद्रों के अधीक्षकों ने बुधवार को प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों पर कथित तौर पर उनका उत्पीड़न करने और उनके साथ गलत व्यवहार का आरोप लगाते हुए अपने पदों से हटने की पेशकश की.</p> </div><div class="K2FeedFullText"> <p>इंडियन एक्सप्रेस की <a href="https://indianexpress.com/article/cities/lucknow/14-health-centre-chiefs-in-up-allege-harassment-by-officials-offer-to-quit-7312957/">रिपोर्ट</a> के अनुसार, इससे एक दिन पहले ही जिला प्रशासन ने फतेहपुर चौरासी और असोहा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारियों को हटा दिया था.</p> <p>हालांकि, जिला प्रशासन ने आरोप से इनकार किया और दावा किया कि दोनों अधीक्षकों को नीति के अनुसार स्थानांतरित कर दिया गया था.</p> <p>इस मुद्दे के समाधान के लिए जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने 14 स्वास्थ्य केंद्रों के अधिकारियों के साथ बैठक करने की बात कही है.</p> <p>प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ के जिला महासचिव डॉ. संजीव कुमार ने कहा, ‘हमें यह कदम उठाने के लिए मजबूर किया गया है, क्योंकि पिछले साल से चौबीसों घंटे काम करने के बावजूद हमें नियमित रूप से परेशान किया जा रहा है और प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा जेल भेजने की धमकी भी दी जा रही है. वे हम पर जिम्मेदारी से काम नहीं करने का झूठा आरोप लगाकर डांटते हैं.’</p> <p>वह गंज मुरादाबाद स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक भी हैं और उन 14 में से हैं, जिन्होंने इस्तीफे की पेशकश की है. 14 में से चार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के अधीक्षक हैं, जबकि 10 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारी हैं.</p> <p>डॉ. संजीव कुमार ने दावा किया कि असोहा और फतेहपुर चौरासी केंद्रों के अधीक्षकों को खुद का बचाव करने का मौका दिए बिना हटा दिया गया था.</p> <p>इन मुद्दों को जिलाधिकारी के साथ बैठक में उठाने की बात कहते हुए डॉ. कुमार दावा करते हैं, ‘दोनों स्वास्थ्य केंद्रों के अधीक्षक ईमानदारी के साथ अपना काम कर रहे थे. फतेहपुर चौरासी के अधीक्षक डॉ. प्रेम चंद कोविड पॉजिटिव हैं. प्रशासन ने उनसे स्पष्टीकरण व जवाब मांगे बिना कार्रवाई की.’</p> <p>उन्नाव के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. आशुतोष कुमार ने कहा कि वह नहीं जानते थे कि जिला प्रशासन से अधीक्षक नाराज थे.</p> <p>उन्होंने कहा, ‘इस तरह की हरकत करने से पहले उन्हें अपनी समस्या मुझसे साझा करनी चाहिए थी. मुझे आज शाम को इस मामले के बारे में पता चला जब मैं अपने कार्यालय में वापस लौटा. मैंने इसके बारे में जिलाधिकारी से बात की और उन्होंने बैठक बुलाई है. हमें उम्मीद है कि मामला जल्द सुलझ जाएगा.’</p> <p>सीएमओ ने दावा किया कि हर किसी के काम की निगरानी कई स्तरों पर और कभी-कभी सख्ती से की जाती है, लेकिन कोई किसी के साथ दुर्व्यवहार नहीं करता है.</p> <p>उन्होंने कहा, ‘स्वास्थ्य केंद्रों के दो प्रभारियों को स्थानांतरण नीति के अनुसार हटा दिया गया था. प्रदर्शन के अनुसार कार्रवाई की गई.’</p></div> <div class="K2FeedIntroText"><p style="text-align: center;"><strong><img src="https://hindimirror.net/images/Health/lucknow.jpg" alt="" /></strong></p> <p><strong>लखनऊ:</strong> उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में 14 स्वास्थ्य केंद्रों के अधीक्षकों ने बुधवार को प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों पर कथित तौर पर उनका उत्पीड़न करने और उनके साथ गलत व्यवहार का आरोप लगाते हुए अपने पदों से हटने की पेशकश की.</p> </div><div class="K2FeedFullText"> <p>इंडियन एक्सप्रेस की <a href="https://indianexpress.com/article/cities/lucknow/14-health-centre-chiefs-in-up-allege-harassment-by-officials-offer-to-quit-7312957/">रिपोर्ट</a> के अनुसार, इससे एक दिन पहले ही जिला प्रशासन ने फतेहपुर चौरासी और असोहा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारियों को हटा दिया था.</p> <p>हालांकि, जिला प्रशासन ने आरोप से इनकार किया और दावा किया कि दोनों अधीक्षकों को नीति के अनुसार स्थानांतरित कर दिया गया था.</p> <p>इस मुद्दे के समाधान के लिए जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने 14 स्वास्थ्य केंद्रों के अधिकारियों के साथ बैठक करने की बात कही है.</p> <p>प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ के जिला महासचिव डॉ. संजीव कुमार ने कहा, ‘हमें यह कदम उठाने के लिए मजबूर किया गया है, क्योंकि पिछले साल से चौबीसों घंटे काम करने के बावजूद हमें नियमित रूप से परेशान किया जा रहा है और प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा जेल भेजने की धमकी भी दी जा रही है. वे हम पर जिम्मेदारी से काम नहीं करने का झूठा आरोप लगाकर डांटते हैं.’</p> <p>वह गंज मुरादाबाद स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक भी हैं और उन 14 में से हैं, जिन्होंने इस्तीफे की पेशकश की है. 14 में से चार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के अधीक्षक हैं, जबकि 10 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारी हैं.</p> <p>डॉ. संजीव कुमार ने दावा किया कि असोहा और फतेहपुर चौरासी केंद्रों के अधीक्षकों को खुद का बचाव करने का मौका दिए बिना हटा दिया गया था.</p> <p>इन मुद्दों को जिलाधिकारी के साथ बैठक में उठाने की बात कहते हुए डॉ. कुमार दावा करते हैं, ‘दोनों स्वास्थ्य केंद्रों के अधीक्षक ईमानदारी के साथ अपना काम कर रहे थे. फतेहपुर चौरासी के अधीक्षक डॉ. प्रेम चंद कोविड पॉजिटिव हैं. प्रशासन ने उनसे स्पष्टीकरण व जवाब मांगे बिना कार्रवाई की.’</p> <p>उन्नाव के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. आशुतोष कुमार ने कहा कि वह नहीं जानते थे कि जिला प्रशासन से अधीक्षक नाराज थे.</p> <p>उन्होंने कहा, ‘इस तरह की हरकत करने से पहले उन्हें अपनी समस्या मुझसे साझा करनी चाहिए थी. मुझे आज शाम को इस मामले के बारे में पता चला जब मैं अपने कार्यालय में वापस लौटा. मैंने इसके बारे में जिलाधिकारी से बात की और उन्होंने बैठक बुलाई है. हमें उम्मीद है कि मामला जल्द सुलझ जाएगा.’</p> <p>सीएमओ ने दावा किया कि हर किसी के काम की निगरानी कई स्तरों पर और कभी-कभी सख्ती से की जाती है, लेकिन कोई किसी के साथ दुर्व्यवहार नहीं करता है.</p> <p>उन्होंने कहा, ‘स्वास्थ्य केंद्रों के दो प्रभारियों को स्थानांतरण नीति के अनुसार हटा दिया गया था. प्रदर्शन के अनुसार कार्रवाई की गई.’</p></div> भारत में धार्मिक व राजनीतिक कार्यक्रम भी कोरोना प्रसार में बढ़ोतरी की वजह बने: डब्ल्यूएचओ 2021-05-14T14:44:11+00:00 2021-05-14T14:44:11+00:00 https://hindimirror.net/index.php/en/component/k2/item/169-2021-05-14-14-46-29.html Super User info@indiamirror.net <div class="K2FeedIntroText"><h3 class="p1" style="text-align: center;"><img src="https://hindimirror.net/images/Health/Amit-Shah-campaigns.png" alt="" /></h3> <h3 class="p1">विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि भारत में जन स्वास्थ्य एवं सामाजिक उपायों के पालन में कमी भी वर्तमान हालात के लिए ज़िम्मेदार रही. दक्षिण पूर्वी एशिया में कोरोना वायरस के कुल मामले और मौतों में भारत की 95 एवं 93 फ़ीसदी हिस्सेदारी है. वहीं यदि वैश्विक स्तर पर देखें तो 50 फ़ीसदी मामले और 30 फ़ीसदी मौतें भारत में हो रही हैं.</h3> </div><div class="K2FeedFullText"> <p class="p1"><span class="s1"><strong>नई दिल्ली:</strong> विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि भारत के हालात को लेकर हाल ही में किए गए जोखिम मूल्यांकन में पाया गया है कि देश में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी के लिए कई संभावित कारक जिम्मदार रहे, जिसमें ‘विभिन्न धार्मिक एवं राजनीतिक कार्यक्रमों में जुटी भारी भीड़ भी शामिल है, जिसके चलते सामाजिक रूप से लोगों का मेल-जोल बढ़ा.’</span></p> <p class="p1"><span class="s1">डब्ल्यूएचओ ने बीते बुधवार को प्रकाशित महामारी संबंधित अपनी साप्ताहिक कोविड-19 अपडेटेड रिपोर्ट में कहा कि वायरस के ‘बी.1.617’ स्वरूप का सबसे पहला मामला अक्टूबर 2020 में सामने आया था.</span></p> <p class="p1"><span class="s1">इसके मुताबिक, ‘भारत में कोविड-19 के बढ़ते मामलों और मौतों ने वायरस के ‘बी.1.617’ स्वरूप समेत अन्य स्वरूपों की अहम भूमिका को लेकर सवाल खड़े किए हैं.’</span></p> <p class="p1"><span class="s1">रिपोर्ट में कहा गया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा भारत के हालात को लेकर हाल ही में किए गए जोखिम मूल्यांकन में पाया गया है कि देश में कोविड-19 के मामलों में ‘बढ़ोत्तरी एवं पुनरुत्थान’ के लिए कई संभावित कारक जिम्मदार रहे, जिसमें सार्स-सीओवी-2 के विभिन्न स्वरूपों के प्रसार ने भी अहम भूमिका निभाई.</span></p> <p class="p1"><span class="s1">इसी तरह ‘विभिन्न धार्मिक एवं राजनीतिक कार्यक्रमों में जुटी भारी भीड़ के चलते सामाजिक रूप से लोगों का मेल-जोल बढ़ा.’</span></p> <p class="p1"><span class="s1">इसके अलावा जन स्वास्थ्य एवं सामाजिक उपायों (पीएचएमएस) के पालन में कमी भी वर्तमान हालात के लिए जिम्मेदार रही.</span></p> <p class="p1"><span class="s1">हालांकि भारत में वायरस के प्रसार में वृद्धि के लिए जिम्मेदार इन सभी कारकों में से प्रत्येक कारक कितना जिम्मेदार रहा? अभी इसे बहुत अच्छी तरह समझा नहीं जा सका है.</span></p> <p class="p1"><span class="s1">डब्लूयएचओ ने <a href="https://indianexpress.com/article/india/religious-political-events-among-factors-behind-covid-19-spike-in-india-who-7313089/">कहा</a> कि वायरस के ‘बी.1.1.7’ और ‘बी.1.612’ स्वरूप समेत कई अन्य स्वरूपों के चलते भारत में तेजी से कोरोना संक्रमण फैला है.</span></p> <p class="p1"><span class="s1">उन्होंने कहा कि अप्रैल 2021 के आखिर तक हुए जांच में पता चला है कि भारत के 21 और सात फीसदी सैंपल में वायरस का ‘बी.1.617.1’ और ‘बी.1.617.2’ स्वरूप मौजूदा था. संगठन ने कहा कि भारत के बाहर यूके में इस तरह के काफी मामले देखने को मिले हैं.</span></p> <p class="p1"><span class="s1">कोविड-19 की वैश्विक स्थिति का अपडेट देते हुए उन्होंने कहा कि इस सप्ताह कोरोना के नए मामलों और वैश्विक स्तर पर होने वाली मौतों की संख्या में थोड़ी गिरावट आई है. इस दौरान 55 लाख से अधिक मामले आए और 90,000 से अधिक मौते हुईं.</span></p> <p class="p1"><span class="s1">डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि दक्षिण पूर्वी एशिया में कोरोना के कुल मामले और मौतों में भारत की 95 एवं 93 फीसदी हिस्सेदारी है. वहीं यदि वैश्विक स्तर पर देखें तो 50 फीसदी मामले और 30 फीसदी मौतें भारत में हो रही है.</span></p> <p class="p1"><span class="s1">रिपोर्ट के मुताबिक सबसे अधिक नए मामले वाले देशों में भारत (2,738,957 नए मामले, 5 प्रतिशत वृद्धि), ब्राजील (423,438 नए मामले, पिछले सप्ताह के समान), अमेरिका (334,784 नए मामले; 3 प्रतिशत कमी), तुर्की (166,733 नए मामले; 35 प्रतिशत की कमी), और अर्जेंटीना (140,771 नए मामले; 8 प्रतिशत की कमी) शामिल हैं.</span></p> <p class="p1"><span class="s1">विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस के ‘बी-1617’ स्वरूप, जिसका पता सबसे पहले भारत में चला था, को चिंताजनक करार दिया है.</span></p></div> <div class="K2FeedIntroText"><h3 class="p1" style="text-align: center;"><img src="https://hindimirror.net/images/Health/Amit-Shah-campaigns.png" alt="" /></h3> <h3 class="p1">विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि भारत में जन स्वास्थ्य एवं सामाजिक उपायों के पालन में कमी भी वर्तमान हालात के लिए ज़िम्मेदार रही. दक्षिण पूर्वी एशिया में कोरोना वायरस के कुल मामले और मौतों में भारत की 95 एवं 93 फ़ीसदी हिस्सेदारी है. वहीं यदि वैश्विक स्तर पर देखें तो 50 फ़ीसदी मामले और 30 फ़ीसदी मौतें भारत में हो रही हैं.</h3> </div><div class="K2FeedFullText"> <p class="p1"><span class="s1"><strong>नई दिल्ली:</strong> विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि भारत के हालात को लेकर हाल ही में किए गए जोखिम मूल्यांकन में पाया गया है कि देश में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी के लिए कई संभावित कारक जिम्मदार रहे, जिसमें ‘विभिन्न धार्मिक एवं राजनीतिक कार्यक्रमों में जुटी भारी भीड़ भी शामिल है, जिसके चलते सामाजिक रूप से लोगों का मेल-जोल बढ़ा.’</span></p> <p class="p1"><span class="s1">डब्ल्यूएचओ ने बीते बुधवार को प्रकाशित महामारी संबंधित अपनी साप्ताहिक कोविड-19 अपडेटेड रिपोर्ट में कहा कि वायरस के ‘बी.1.617’ स्वरूप का सबसे पहला मामला अक्टूबर 2020 में सामने आया था.</span></p> <p class="p1"><span class="s1">इसके मुताबिक, ‘भारत में कोविड-19 के बढ़ते मामलों और मौतों ने वायरस के ‘बी.1.617’ स्वरूप समेत अन्य स्वरूपों की अहम भूमिका को लेकर सवाल खड़े किए हैं.’</span></p> <p class="p1"><span class="s1">रिपोर्ट में कहा गया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा भारत के हालात को लेकर हाल ही में किए गए जोखिम मूल्यांकन में पाया गया है कि देश में कोविड-19 के मामलों में ‘बढ़ोत्तरी एवं पुनरुत्थान’ के लिए कई संभावित कारक जिम्मदार रहे, जिसमें सार्स-सीओवी-2 के विभिन्न स्वरूपों के प्रसार ने भी अहम भूमिका निभाई.</span></p> <p class="p1"><span class="s1">इसी तरह ‘विभिन्न धार्मिक एवं राजनीतिक कार्यक्रमों में जुटी भारी भीड़ के चलते सामाजिक रूप से लोगों का मेल-जोल बढ़ा.’</span></p> <p class="p1"><span class="s1">इसके अलावा जन स्वास्थ्य एवं सामाजिक उपायों (पीएचएमएस) के पालन में कमी भी वर्तमान हालात के लिए जिम्मेदार रही.</span></p> <p class="p1"><span class="s1">हालांकि भारत में वायरस के प्रसार में वृद्धि के लिए जिम्मेदार इन सभी कारकों में से प्रत्येक कारक कितना जिम्मेदार रहा? अभी इसे बहुत अच्छी तरह समझा नहीं जा सका है.</span></p> <p class="p1"><span class="s1">डब्लूयएचओ ने <a href="https://indianexpress.com/article/india/religious-political-events-among-factors-behind-covid-19-spike-in-india-who-7313089/">कहा</a> कि वायरस के ‘बी.1.1.7’ और ‘बी.1.612’ स्वरूप समेत कई अन्य स्वरूपों के चलते भारत में तेजी से कोरोना संक्रमण फैला है.</span></p> <p class="p1"><span class="s1">उन्होंने कहा कि अप्रैल 2021 के आखिर तक हुए जांच में पता चला है कि भारत के 21 और सात फीसदी सैंपल में वायरस का ‘बी.1.617.1’ और ‘बी.1.617.2’ स्वरूप मौजूदा था. संगठन ने कहा कि भारत के बाहर यूके में इस तरह के काफी मामले देखने को मिले हैं.</span></p> <p class="p1"><span class="s1">कोविड-19 की वैश्विक स्थिति का अपडेट देते हुए उन्होंने कहा कि इस सप्ताह कोरोना के नए मामलों और वैश्विक स्तर पर होने वाली मौतों की संख्या में थोड़ी गिरावट आई है. इस दौरान 55 लाख से अधिक मामले आए और 90,000 से अधिक मौते हुईं.</span></p> <p class="p1"><span class="s1">डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि दक्षिण पूर्वी एशिया में कोरोना के कुल मामले और मौतों में भारत की 95 एवं 93 फीसदी हिस्सेदारी है. वहीं यदि वैश्विक स्तर पर देखें तो 50 फीसदी मामले और 30 फीसदी मौतें भारत में हो रही है.</span></p> <p class="p1"><span class="s1">रिपोर्ट के मुताबिक सबसे अधिक नए मामले वाले देशों में भारत (2,738,957 नए मामले, 5 प्रतिशत वृद्धि), ब्राजील (423,438 नए मामले, पिछले सप्ताह के समान), अमेरिका (334,784 नए मामले; 3 प्रतिशत कमी), तुर्की (166,733 नए मामले; 35 प्रतिशत की कमी), और अर्जेंटीना (140,771 नए मामले; 8 प्रतिशत की कमी) शामिल हैं.</span></p> <p class="p1"><span class="s1">विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस के ‘बी-1617’ स्वरूप, जिसका पता सबसे पहले भारत में चला था, को चिंताजनक करार दिया है.</span></p></div> कोरोना कहर में झूठ के वेन्टिलेटर पर उत्तर प्रदेश, बिना सैंपल विधायक तक हो रहे पॉजिटिव-निगेटिव 2021-05-14T11:31:35+00:00 2021-05-14T11:31:35+00:00 https://hindimirror.net/index.php/en/component/k2/item/164-2021-05-14-11-34-15.html Super User info@indiamirror.net <div class="K2FeedIntroText"><h2 class="undefined styles-m__story-sub-title__1esy_" style="text-align: center;"><img src="https://hindimirror.net/images/Health/_CM_yogi.jpg" alt="" /></h2> <h2 class="undefined styles-m__story-sub-title__1esy_">कुशीनगर से बीजेपी विधायक जटाशंकर त्रिपाठी ने कोई सैंपल नहीं दिया, फिर भी गोरखपुर डिप्टी सीएमओ ने फोन कर बताया कि 7 मई को दिए सैंपल में वह पॉजिटिव मिले हैं। इसके पहले इन्हीं विधायक को 24 घंटे में ही पॉजिटिव और निगेटिव, दोनों बताने का कारनामा हो चुका था।</h2> </div><div class="K2FeedFullText"> <div class="story-page-card "> <div class="styles-m__urdu-line-height__2rbMv"> <div class="story-element story-element-text"> <p>कोराना वायरस की तपिश में भी उत्तर प्रदेश में लोगों का इलाज झूठ के वेन्टिलेटर पर हो रहा है। आम लोगों की कौन कहे, बीजेपी के विधायकों तक को बिना सैंपल लिए ही पॉजिटिव-निगेटिव बताया जा रहा है। यहां काम कैसे चल रहा है, उसके कुछ उदाहरण भी मौजूद हैं। दरअसल कुशीनगर से बीजेपी विधायक जटाशंकर त्रिपाठी ने कोई सैंपल ही नहीं दिया, फिर भी गोरखपुर के डिप्टी सीएमओ ने फोन कर उन्हें जानकारी दी कि 7 मई के दिए गए सैंपल में वह पॉजिटिव मिले हैं।</p> <div class="teads-inread sm-screen"> <div class="teads-ui-components-adchoices"> </div> <div class="teads-ui-components-label">इसके पहले इन्हीं विधायक को 24 घंटे में ही पॉजिटिव और निगेटिव- दोनों बताने का कारनामा स्वास्थ्य विभाग कर चुका है। विधायक जटाशंकर त्रिपाठी बताते हैं कि ‘12 अप्रैल को लक्षण आने के बाद जांच कराया। कई फर्जी रिपोर्ट आ गई। अब पूरी तरह से स्वस्थ हूं।’ उधर, विधायक डॉ. अरुण कुमार ने पांच दिनों बाद भी कोरोना जांच की रिपोर्ट नहीं मिलने को लेकर सीएम को पत्र लिखकर शिकायत की है।</div> </div> </div> </div> </div> <div class="story-page-card "> <div class="styles-m__urdu-line-height__2rbMv"> <div class="story-element story-element-text"> <div> <p>इसी तरह गोरखपुर शहर के शिवपुर सहबाजगंज के रहने वाले पवन श्रीवास्तव 9 अप्रैल को संक्रमित हुए थे। 10 अप्रैल को कलक्ट्रेट में बनाए गए कोविड कंट्रोल रूम से पूछताछ में उन्होंने संपर्क में आए 10 लोगों के नाम बताए। कंट्रोल रूम के बाबुओं ने बिना सैंपल लिए ही करीबियों की कोरोना रिपोर्ट जारी कर दी। इस सूची में शामिल दूरदर्शन केंद्र गोरखपुर से सेवानिवृत्त रमेश चंद्र शुक्ल बिना जांच रिपोर्ट आने की जानकारी मिलते ही चौंक गए। वह बताते हैं, ‘बीमार नहीं था तो नमूना क्यों देता?’</p> <p>ध्यान रहे कि यूपी में कोरोना संक्रमण से इस वर्ष चार बीजेपी विधायकों की मौत हो चुकी है। रायबरेली की सलोन सीट से विधायक दल बहादुर कोरी, नवाबगंज के केसर सिंह गंगवार, लखनऊ पश्चिम क्षेत्र के सुरेश कुमार श्रीवास्तव और औरैया जिले के सदर के विधायक रमेश चंद्र दिवाकर ने कोरोना संक्रमण के चलते दम तोड़ दिया। सुरेश श्रीवास्तव की पत्नी मालती श्रीवास्तव ने भी 24 अप्रैल को दम तोड़ दिया। प्रदेश सरकार के दो मंत्री- चेतन चैहान और कमल रानी वरुण का निधन पिछले वर्ष हुआ था।</p> </div> </div> </div> </div> <div> </div> <div class="story-page-card "> <div class="styles-m__urdu-line-height__2rbMv"> <div class="story-element story-element-text"> <div> <p>अपने ही विधायकों और करीबियों की मौतों से केंद्रीय मंत्रियों से लेकर विधायकों तक का गुस्सा लेटर बम के रूप में अलग फूट रहा है। केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने बीते दिनों मुख्यमंत्री को पत्र में लिखा कि स्वास्थ्य विभाग के कुछ महत्वपूर्ण अधिकारी फोन तक नहीं उठाते हैं। रेफरल के नाम पर मरीज एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में भटकते रहते हैं और वे बेमौत मर रहे हैं। ऑक्सीमीटर, मल्टीपैरा मॉनिटर, बायोपैक मशीन, वेन्टिलेटर समेत अन्य जरूरी उपकरणों को डेढ़ से दोगुनी कीमत पर बेचा जा रहा है।</p> <p>वहीं, फरीदपुर विधायक प्रो. श्याम बिहारी लाल और बिथरी विधायक राजेश मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी को लेकर जांच कमेटी बनाने की मांग कर डाली। बस्ती के रूधौली से बीजेपी विधायक संजय प्रताप जायसवाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा कि विभिन्न सीएचसी और पीएचसी केंद्रों पर जांच किट, रेमडेसिविर इंजेक्शन, ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध नहीं है।</p> </div> </div> </div> </div> <div class="story-page-card "> <div class="styles-m__urdu-line-height__2rbMv"> <div class="story-element story-element-text"> <div> <p>सीएम योगी के गढ़ गोरखपुर नगर के बीजेपी विधायक डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल ने तीन मई को अपने फेसबुक वाल पर लिखा था, ‘मुख्यमंत्री जी के ओएसडी अभिषक कौशिक ने फोन किया। हमने बता दिया कि ऑक्सीजन की कमी, बेड की अनुपलब्धता, वेन्टिलेटर नहीं मिलने से नागरिक बहुत नाराज हैं।’ लखनऊ के मोहनलालगंज से बीजेपी सांसद कौशल किशोर के साथ मंत्री बृजेश पाठक भी खराब हेल्थ व्यवस्था को लेटर बम फोड़ चुके हैं।</p> <p>उत्तर प्रदेश की बेहाली की खबरें सब जगह भरी पड़ी हैं। तमाम तस्वीरें चुगली कर रही हैं। फिर भी, यूपी सरकार यह बताकर आंखों में धूल झोंकने का प्रयास कर रही है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना की विभीषिका से निबटने में उसकी प्रशंसा की है। जबकि, सच्चाई यह है कि जिस लेख को सामने रखकर यह दावा किया जा रहा है, उसमें ही डब्ल्यूएचओ ने यूपी सरकार के साथ अपनी पार्टनरशिप की बात बताई है। इसमें कहा गया है कि ‘डब्ल्यूएचओ ने कोविड से निबटने में प्रशिक्षण और माइक्रो प्लानिंग में यूपी सरकार की मदद की है।’</p> </div> </div> </div> </div></div> <div class="K2FeedIntroText"><h2 class="undefined styles-m__story-sub-title__1esy_" style="text-align: center;"><img src="https://hindimirror.net/images/Health/_CM_yogi.jpg" alt="" /></h2> <h2 class="undefined styles-m__story-sub-title__1esy_">कुशीनगर से बीजेपी विधायक जटाशंकर त्रिपाठी ने कोई सैंपल नहीं दिया, फिर भी गोरखपुर डिप्टी सीएमओ ने फोन कर बताया कि 7 मई को दिए सैंपल में वह पॉजिटिव मिले हैं। इसके पहले इन्हीं विधायक को 24 घंटे में ही पॉजिटिव और निगेटिव, दोनों बताने का कारनामा हो चुका था।</h2> </div><div class="K2FeedFullText"> <div class="story-page-card "> <div class="styles-m__urdu-line-height__2rbMv"> <div class="story-element story-element-text"> <p>कोराना वायरस की तपिश में भी उत्तर प्रदेश में लोगों का इलाज झूठ के वेन्टिलेटर पर हो रहा है। आम लोगों की कौन कहे, बीजेपी के विधायकों तक को बिना सैंपल लिए ही पॉजिटिव-निगेटिव बताया जा रहा है। यहां काम कैसे चल रहा है, उसके कुछ उदाहरण भी मौजूद हैं। दरअसल कुशीनगर से बीजेपी विधायक जटाशंकर त्रिपाठी ने कोई सैंपल ही नहीं दिया, फिर भी गोरखपुर के डिप्टी सीएमओ ने फोन कर उन्हें जानकारी दी कि 7 मई के दिए गए सैंपल में वह पॉजिटिव मिले हैं।</p> <div class="teads-inread sm-screen"> <div class="teads-ui-components-adchoices"> </div> <div class="teads-ui-components-label">इसके पहले इन्हीं विधायक को 24 घंटे में ही पॉजिटिव और निगेटिव- दोनों बताने का कारनामा स्वास्थ्य विभाग कर चुका है। विधायक जटाशंकर त्रिपाठी बताते हैं कि ‘12 अप्रैल को लक्षण आने के बाद जांच कराया। कई फर्जी रिपोर्ट आ गई। अब पूरी तरह से स्वस्थ हूं।’ उधर, विधायक डॉ. अरुण कुमार ने पांच दिनों बाद भी कोरोना जांच की रिपोर्ट नहीं मिलने को लेकर सीएम को पत्र लिखकर शिकायत की है।</div> </div> </div> </div> </div> <div class="story-page-card "> <div class="styles-m__urdu-line-height__2rbMv"> <div class="story-element story-element-text"> <div> <p>इसी तरह गोरखपुर शहर के शिवपुर सहबाजगंज के रहने वाले पवन श्रीवास्तव 9 अप्रैल को संक्रमित हुए थे। 10 अप्रैल को कलक्ट्रेट में बनाए गए कोविड कंट्रोल रूम से पूछताछ में उन्होंने संपर्क में आए 10 लोगों के नाम बताए। कंट्रोल रूम के बाबुओं ने बिना सैंपल लिए ही करीबियों की कोरोना रिपोर्ट जारी कर दी। इस सूची में शामिल दूरदर्शन केंद्र गोरखपुर से सेवानिवृत्त रमेश चंद्र शुक्ल बिना जांच रिपोर्ट आने की जानकारी मिलते ही चौंक गए। वह बताते हैं, ‘बीमार नहीं था तो नमूना क्यों देता?’</p> <p>ध्यान रहे कि यूपी में कोरोना संक्रमण से इस वर्ष चार बीजेपी विधायकों की मौत हो चुकी है। रायबरेली की सलोन सीट से विधायक दल बहादुर कोरी, नवाबगंज के केसर सिंह गंगवार, लखनऊ पश्चिम क्षेत्र के सुरेश कुमार श्रीवास्तव और औरैया जिले के सदर के विधायक रमेश चंद्र दिवाकर ने कोरोना संक्रमण के चलते दम तोड़ दिया। सुरेश श्रीवास्तव की पत्नी मालती श्रीवास्तव ने भी 24 अप्रैल को दम तोड़ दिया। प्रदेश सरकार के दो मंत्री- चेतन चैहान और कमल रानी वरुण का निधन पिछले वर्ष हुआ था।</p> </div> </div> </div> </div> <div> </div> <div class="story-page-card "> <div class="styles-m__urdu-line-height__2rbMv"> <div class="story-element story-element-text"> <div> <p>अपने ही विधायकों और करीबियों की मौतों से केंद्रीय मंत्रियों से लेकर विधायकों तक का गुस्सा लेटर बम के रूप में अलग फूट रहा है। केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने बीते दिनों मुख्यमंत्री को पत्र में लिखा कि स्वास्थ्य विभाग के कुछ महत्वपूर्ण अधिकारी फोन तक नहीं उठाते हैं। रेफरल के नाम पर मरीज एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में भटकते रहते हैं और वे बेमौत मर रहे हैं। ऑक्सीमीटर, मल्टीपैरा मॉनिटर, बायोपैक मशीन, वेन्टिलेटर समेत अन्य जरूरी उपकरणों को डेढ़ से दोगुनी कीमत पर बेचा जा रहा है।</p> <p>वहीं, फरीदपुर विधायक प्रो. श्याम बिहारी लाल और बिथरी विधायक राजेश मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी को लेकर जांच कमेटी बनाने की मांग कर डाली। बस्ती के रूधौली से बीजेपी विधायक संजय प्रताप जायसवाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा कि विभिन्न सीएचसी और पीएचसी केंद्रों पर जांच किट, रेमडेसिविर इंजेक्शन, ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध नहीं है।</p> </div> </div> </div> </div> <div class="story-page-card "> <div class="styles-m__urdu-line-height__2rbMv"> <div class="story-element story-element-text"> <div> <p>सीएम योगी के गढ़ गोरखपुर नगर के बीजेपी विधायक डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल ने तीन मई को अपने फेसबुक वाल पर लिखा था, ‘मुख्यमंत्री जी के ओएसडी अभिषक कौशिक ने फोन किया। हमने बता दिया कि ऑक्सीजन की कमी, बेड की अनुपलब्धता, वेन्टिलेटर नहीं मिलने से नागरिक बहुत नाराज हैं।’ लखनऊ के मोहनलालगंज से बीजेपी सांसद कौशल किशोर के साथ मंत्री बृजेश पाठक भी खराब हेल्थ व्यवस्था को लेटर बम फोड़ चुके हैं।</p> <p>उत्तर प्रदेश की बेहाली की खबरें सब जगह भरी पड़ी हैं। तमाम तस्वीरें चुगली कर रही हैं। फिर भी, यूपी सरकार यह बताकर आंखों में धूल झोंकने का प्रयास कर रही है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना की विभीषिका से निबटने में उसकी प्रशंसा की है। जबकि, सच्चाई यह है कि जिस लेख को सामने रखकर यह दावा किया जा रहा है, उसमें ही डब्ल्यूएचओ ने यूपी सरकार के साथ अपनी पार्टनरशिप की बात बताई है। इसमें कहा गया है कि ‘डब्ल्यूएचओ ने कोविड से निबटने में प्रशिक्षण और माइक्रो प्लानिंग में यूपी सरकार की मदद की है।’</p> </div> </div> </div> </div></div> गोवा: शीर्ष सरकारी अस्पताल में ऑक्सीजन का दबाव कम होने से पंद्रह और लोगों की जान गई 2021-05-14T11:28:51+00:00 2021-05-14T11:28:51+00:00 https://hindimirror.net/index.php/en/component/k2/item/163-2021-05-14-11-31-31.html Super User info@indiamirror.net <div class="K2FeedIntroText"><h3 style="text-align: center;"><img src="https://hindimirror.net/images/Health/Coronavirus-Oxygen.jpg" alt="" /></h3> <h3>बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा अधिकारियों को ऑक्सीजन की कमी से मरीज़ों की मौत न होने की बात सुनिश्चित करने के निर्देश के एक दिन बाद गोवा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ऑक्सीजन का दबाव कम होने के चलते पंद्रह मरीज़ों की जान चली गई. इससे पहले यहां कथित तौर पर ऑक्सीजन की कमी या ऑक्सीजन आपूर्ति में बाधा के चलते 48 घंटे में 47 कोरोना मरीज़ों की मौत हुई थी.</h3> </div><div class="K2FeedFullText"> <p><strong>पणजी/नई दिल्ली: </strong>गोवा सरकार ने बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया कि गोवा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (जीएमसीएच) में गुरुवार को कोविड-19 के और 15 मरीजों की मौत हुई है.</p> <p><a href="https://indianexpress.com/article/india/covid-second-wave-nightmare-runs-on-in-goa-hospital-15-more-die-as-oxygen-dips-7314298/">इंडियन एक्सप्रेस</a> की रिपोर्ट के अनुसार, बॉम्बे हाईकोर्ट की गोवा पीठ द्वारा ऑक्सीजन की कमी की मौजूदा स्थितियों पर <a href="http://thewirehindi.com/169556/goa-oxygen-shortage-death-high-court-calls-situation-grim/">गहरी चिंता जाहिर करने के</a> एक दिन बाद गुरुवार को भी रात दो बजे से सुबह छह बजे के बीच ऑक्सीजन का दबाव कम होने के चलते पंद्रह मरीजों की जान चली गई.</p> <p>बताया गया कि मरीजों के परिजनों ने रात एक बजे के करीब से कोविड वॉर्ड्स में ऑक्सीजन का दबाव कम होने को लेकर अस्पताल के डॉक्टरों को कॉल करना शुरू किया था. अदालत में कोविड प्रबंधन को लेकर दायर जनहित याचिका की एक याचिकाकर्ता ने बताया कि उन्होंने एसओएस कॉल मिलते ही प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग को सूचना दी थी और पुलिस भी मौके पर पहुंच गई थी.</p> <p>हालांकि डॉक्टरों ने बताया कि इसे बीस मिनट में ठीक कर दिया गया था लेकिन तब तक 15 मरीजों के लिए यह स्थिति जानलेवा साबित हुई है.</p> <p>गौरतलब है कि बुधवार को कोर्ट ने अधिकारियों से कहा था कि वे सुनिश्चित करें की ऑक्सीजन की कमी के चलते मरीजों की मौत न हो. पीठ का कहना था कि ऐसी परिस्थितियों में लोगों की मौत होना जीवन के अधिकार का उल्लंघन है.</p> <p class="p1"><span class="s1">मालूम हो कि <em><a href="https://thewire.in/health/goa-21-more-covid-19-patients-oxygen-shortage-medical-college-sawant-rane">द वायर</a></em>  ने बीते 12 मई को अपनी एक रिपोर्ट में बताया था कि जीएमसीएच में कथित तौर पर ऑक्सीजन की कमी या ऑक्सीजन आपूर्ति में बाधा पहुंचाने के चलते 48 घंटे में 47 कोरोना मरीजों की मौत हुई थी. इस घोर लापरवाही के लिए राज्य की भाजपा सरकार और अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है.</span></p> <p class="p1"><span class="s1">इसमें से मंगलवार (11 मई) को ऑक्सीजन की कमी के चलते <a href="http://thewirehindi.com/169437/goa-26-covid-patients-die-at-gmch-health-minister-seeks-high-court-probe/">26 कोविड-19 मरीजों</a> और बुधवार को 21 कोरोना मरीजों की मौत हुई थी. इसे लेकर खुद गोवा के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने हाईकोर्ट से जांच करने की मांग की थी. इसके चलते मुख्यमंत्री प्रमोद सावंद और राणे के बीच विवाद भी खड़ा हो गया है.</span></p> <p>दरअसल मुख्यमंत्री का कहना था कि ऑक्सीजन आपूर्ति में देरी से अस्पताल की केंद्रीय आपूर्ति में दबाव कम हो गया है और यह नहीं कहा जा सकता है कि मौत इसी वजह से हुई है. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया था कि राज्य में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है.</p> <p>वहीं स्वास्थ्य मंत्री राणे ने पत्रकारों से बात करते हुए जीएमसीएच में ऑक्सीजन की आपूर्ति में कमी की बात स्वीकार की थी.</p> <p>उच्च न्यायालय की गोवा पीठ ने कहा कि राज्य प्रशासन ने उसे बताया कि इनमें से कुछ मौतें ‘उपकरण संबंधी दिक्कतों’ से जुड़ी हो सकती हैं, जैसे ऑक्सीजन के कई सिलेंडरों को साथ जोड़ने से आपूर्ति के दौरान प्रेशर (दबाव) में कमी आना.</p> <p>अदालत ने कहा कि जीएमसीएच में कोविड-19 के मरीजों को चिकित्सकीय ऑक्सीजन मुहैया कराने के उसके आदेश के बावजूद इस सरकारी अस्पताल में गुरुवार तड़के दो बजे से छह बजे के बीच और 15 लोगों की मौत हुई है.</p> <p>पीठ कथित रूप से चिकित्सकीय ऑक्सीजन की कमी से जीएमसीएच में कोविड-19 मरीजों की मौत से जुड़ी कुछ याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी.</p> <p>अदालत ने कहा कि केंद्र सरकार सुनिश्चित करे कि गोवा को ऑक्सीजन का तय कोटा जल्द से जल्द उपलब्ध हो. राज्य में फिलहाल संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं.</p> <p>जस्टिस नितिन डब्ल्यू. साम्बरे और जस्टिस एम. एस. सोनाक की पीठ ने कहा कि 12 मई के आदेश के बावजूद अदालत को बड़े दुख के साथ यह दर्ज करना पड़ रहा है कि आज (गुरुवार को) जीएमसीएच में कोविड-19 से करीब 40 मरीजों की मौत हुई है.</p> <p>अदालत ने कहा कि इनमें से करीब 15 लोगों की मौत देर रात दो बजे से सुबह छह बजे के बीच हुई है.</p> <p> </p> <p>इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, एक रेजिडेंट डॉक्टर ने बताया कि गुरुवार रात एक बजे के करीब सेंट्रल पाइपलाइन का दबाव कम होने लगा था और उनकी कोशिशों के बावजूद तीन मरीजों को नहीं बचाया जा सका.</p> <p>उन्होंने बताया कि गंभीर मरीजों के साथ उनके परिजन थे, जिन्होंने रोगियों की बिगड़ती हालत के बारे में बताया. इससे पहले बुधवार-गुरुवार की दरमियानी रात को भी ऑक्सीजन का दबाव 4-5 बार कम हुआ था.</p> <p>यह डॉक्टर इस अस्पताल में फरवरी 2020 से हैं. उन्होंने आगे बताया कि दबाव कम होने की यह समस्या बीते दो सप्ताह से हो रही है. रात की अपेक्षा दिन में इसे संभाला जा सकता है. उन्होंने कहा, ‘कल (बुधवार) हमारे वॉर्ड में 18 मरीज वेंटिलेटर पर थे. जब इन सबका सैचुरेशन लेवल एकदम से नीचे आया हमें नहीं पता था कि हमें क्या करना है. वॉर्ड में केवल हम दो रेजिडेंट थे.</p> <p>उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्होंने अस्पताल के सेंट्रल ऑक्सीजन पैनल के नंबर पर फोन किया था, लेकिन इसका जवाब नहीं मिला.</p> <h3>गोवा ने केंद्र से की शिकायत, महाराष्ट्र से तरल ऑक्सीजन का पूरा कोटा नहीं मिल रहा</h3> <p>इस बीच गोवा सरकार ने केंद्र से तत्काल हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा है कि उसे महाराष्ट्र के कोल्हापुर से 11 टन तरल ऑक्सीजन का दैनिक आवंटित कोटा नहीं मिल रहा है.</p> <p>उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) की अतिरिक्त सचिव सुमिता डावरा को लिखे पत्र में गोवा के प्रधान सचिव पुनीत कुमार गोयल ने कहा कि पिछले 10 दिनों में विभिन्न कारणों से आवंटन में 40 टन से अधिक की कमी रही है.</p> <p>उन्होंने कहा है कि 1-10 मई के दौरान, राज्य को आवंटित 110 टन में से कोल्हापुर से केवल 66.74 टन तरल ऑक्सीजन प्राप्त हुई थी.</p> <p>12 मई को लिखे पत्र में कहा गया, ‘यह एक आग्रहपूर्ण अनुरोध है कि हमें 11 टन के स्थान पर कम से कम एक सप्ताह के लिए 22 टन प्रतिदिन दिए जाने चाहिए.’</p> <p>गोयल ने कहा कि कोल्हापुर से 11 टन का आवंटन गोवा के 26 टन तरल ऑक्सीजन के कुल आवंटन का 40 प्रतिशत है.</p> <p>उन्होंने कहा, ‘इस प्रकार, कोल्हापुर से ऑक्सीजन की समय पर और पर्याप्त आपूर्ति हमारे रोगियों की बढ़ती जरूरतों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है.’</p> <p>प्रदेश में कोविड19 के सक्रिय मामलों की संख्या 32,900 से अधिक हैं.</p></div> <div class="K2FeedIntroText"><h3 style="text-align: center;"><img src="https://hindimirror.net/images/Health/Coronavirus-Oxygen.jpg" alt="" /></h3> <h3>बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा अधिकारियों को ऑक्सीजन की कमी से मरीज़ों की मौत न होने की बात सुनिश्चित करने के निर्देश के एक दिन बाद गोवा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ऑक्सीजन का दबाव कम होने के चलते पंद्रह मरीज़ों की जान चली गई. इससे पहले यहां कथित तौर पर ऑक्सीजन की कमी या ऑक्सीजन आपूर्ति में बाधा के चलते 48 घंटे में 47 कोरोना मरीज़ों की मौत हुई थी.</h3> </div><div class="K2FeedFullText"> <p><strong>पणजी/नई दिल्ली: </strong>गोवा सरकार ने बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया कि गोवा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (जीएमसीएच) में गुरुवार को कोविड-19 के और 15 मरीजों की मौत हुई है.</p> <p><a href="https://indianexpress.com/article/india/covid-second-wave-nightmare-runs-on-in-goa-hospital-15-more-die-as-oxygen-dips-7314298/">इंडियन एक्सप्रेस</a> की रिपोर्ट के अनुसार, बॉम्बे हाईकोर्ट की गोवा पीठ द्वारा ऑक्सीजन की कमी की मौजूदा स्थितियों पर <a href="http://thewirehindi.com/169556/goa-oxygen-shortage-death-high-court-calls-situation-grim/">गहरी चिंता जाहिर करने के</a> एक दिन बाद गुरुवार को भी रात दो बजे से सुबह छह बजे के बीच ऑक्सीजन का दबाव कम होने के चलते पंद्रह मरीजों की जान चली गई.</p> <p>बताया गया कि मरीजों के परिजनों ने रात एक बजे के करीब से कोविड वॉर्ड्स में ऑक्सीजन का दबाव कम होने को लेकर अस्पताल के डॉक्टरों को कॉल करना शुरू किया था. अदालत में कोविड प्रबंधन को लेकर दायर जनहित याचिका की एक याचिकाकर्ता ने बताया कि उन्होंने एसओएस कॉल मिलते ही प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग को सूचना दी थी और पुलिस भी मौके पर पहुंच गई थी.</p> <p>हालांकि डॉक्टरों ने बताया कि इसे बीस मिनट में ठीक कर दिया गया था लेकिन तब तक 15 मरीजों के लिए यह स्थिति जानलेवा साबित हुई है.</p> <p>गौरतलब है कि बुधवार को कोर्ट ने अधिकारियों से कहा था कि वे सुनिश्चित करें की ऑक्सीजन की कमी के चलते मरीजों की मौत न हो. पीठ का कहना था कि ऐसी परिस्थितियों में लोगों की मौत होना जीवन के अधिकार का उल्लंघन है.</p> <p class="p1"><span class="s1">मालूम हो कि <em><a href="https://thewire.in/health/goa-21-more-covid-19-patients-oxygen-shortage-medical-college-sawant-rane">द वायर</a></em>  ने बीते 12 मई को अपनी एक रिपोर्ट में बताया था कि जीएमसीएच में कथित तौर पर ऑक्सीजन की कमी या ऑक्सीजन आपूर्ति में बाधा पहुंचाने के चलते 48 घंटे में 47 कोरोना मरीजों की मौत हुई थी. इस घोर लापरवाही के लिए राज्य की भाजपा सरकार और अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है.</span></p> <p class="p1"><span class="s1">इसमें से मंगलवार (11 मई) को ऑक्सीजन की कमी के चलते <a href="http://thewirehindi.com/169437/goa-26-covid-patients-die-at-gmch-health-minister-seeks-high-court-probe/">26 कोविड-19 मरीजों</a> और बुधवार को 21 कोरोना मरीजों की मौत हुई थी. इसे लेकर खुद गोवा के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने हाईकोर्ट से जांच करने की मांग की थी. इसके चलते मुख्यमंत्री प्रमोद सावंद और राणे के बीच विवाद भी खड़ा हो गया है.</span></p> <p>दरअसल मुख्यमंत्री का कहना था कि ऑक्सीजन आपूर्ति में देरी से अस्पताल की केंद्रीय आपूर्ति में दबाव कम हो गया है और यह नहीं कहा जा सकता है कि मौत इसी वजह से हुई है. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया था कि राज्य में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है.</p> <p>वहीं स्वास्थ्य मंत्री राणे ने पत्रकारों से बात करते हुए जीएमसीएच में ऑक्सीजन की आपूर्ति में कमी की बात स्वीकार की थी.</p> <p>उच्च न्यायालय की गोवा पीठ ने कहा कि राज्य प्रशासन ने उसे बताया कि इनमें से कुछ मौतें ‘उपकरण संबंधी दिक्कतों’ से जुड़ी हो सकती हैं, जैसे ऑक्सीजन के कई सिलेंडरों को साथ जोड़ने से आपूर्ति के दौरान प्रेशर (दबाव) में कमी आना.</p> <p>अदालत ने कहा कि जीएमसीएच में कोविड-19 के मरीजों को चिकित्सकीय ऑक्सीजन मुहैया कराने के उसके आदेश के बावजूद इस सरकारी अस्पताल में गुरुवार तड़के दो बजे से छह बजे के बीच और 15 लोगों की मौत हुई है.</p> <p>पीठ कथित रूप से चिकित्सकीय ऑक्सीजन की कमी से जीएमसीएच में कोविड-19 मरीजों की मौत से जुड़ी कुछ याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी.</p> <p>अदालत ने कहा कि केंद्र सरकार सुनिश्चित करे कि गोवा को ऑक्सीजन का तय कोटा जल्द से जल्द उपलब्ध हो. राज्य में फिलहाल संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं.</p> <p>जस्टिस नितिन डब्ल्यू. साम्बरे और जस्टिस एम. एस. सोनाक की पीठ ने कहा कि 12 मई के आदेश के बावजूद अदालत को बड़े दुख के साथ यह दर्ज करना पड़ रहा है कि आज (गुरुवार को) जीएमसीएच में कोविड-19 से करीब 40 मरीजों की मौत हुई है.</p> <p>अदालत ने कहा कि इनमें से करीब 15 लोगों की मौत देर रात दो बजे से सुबह छह बजे के बीच हुई है.</p> <p> </p> <p>इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, एक रेजिडेंट डॉक्टर ने बताया कि गुरुवार रात एक बजे के करीब सेंट्रल पाइपलाइन का दबाव कम होने लगा था और उनकी कोशिशों के बावजूद तीन मरीजों को नहीं बचाया जा सका.</p> <p>उन्होंने बताया कि गंभीर मरीजों के साथ उनके परिजन थे, जिन्होंने रोगियों की बिगड़ती हालत के बारे में बताया. इससे पहले बुधवार-गुरुवार की दरमियानी रात को भी ऑक्सीजन का दबाव 4-5 बार कम हुआ था.</p> <p>यह डॉक्टर इस अस्पताल में फरवरी 2020 से हैं. उन्होंने आगे बताया कि दबाव कम होने की यह समस्या बीते दो सप्ताह से हो रही है. रात की अपेक्षा दिन में इसे संभाला जा सकता है. उन्होंने कहा, ‘कल (बुधवार) हमारे वॉर्ड में 18 मरीज वेंटिलेटर पर थे. जब इन सबका सैचुरेशन लेवल एकदम से नीचे आया हमें नहीं पता था कि हमें क्या करना है. वॉर्ड में केवल हम दो रेजिडेंट थे.</p> <p>उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्होंने अस्पताल के सेंट्रल ऑक्सीजन पैनल के नंबर पर फोन किया था, लेकिन इसका जवाब नहीं मिला.</p> <h3>गोवा ने केंद्र से की शिकायत, महाराष्ट्र से तरल ऑक्सीजन का पूरा कोटा नहीं मिल रहा</h3> <p>इस बीच गोवा सरकार ने केंद्र से तत्काल हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा है कि उसे महाराष्ट्र के कोल्हापुर से 11 टन तरल ऑक्सीजन का दैनिक आवंटित कोटा नहीं मिल रहा है.</p> <p>उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) की अतिरिक्त सचिव सुमिता डावरा को लिखे पत्र में गोवा के प्रधान सचिव पुनीत कुमार गोयल ने कहा कि पिछले 10 दिनों में विभिन्न कारणों से आवंटन में 40 टन से अधिक की कमी रही है.</p> <p>उन्होंने कहा है कि 1-10 मई के दौरान, राज्य को आवंटित 110 टन में से कोल्हापुर से केवल 66.74 टन तरल ऑक्सीजन प्राप्त हुई थी.</p> <p>12 मई को लिखे पत्र में कहा गया, ‘यह एक आग्रहपूर्ण अनुरोध है कि हमें 11 टन के स्थान पर कम से कम एक सप्ताह के लिए 22 टन प्रतिदिन दिए जाने चाहिए.’</p> <p>गोयल ने कहा कि कोल्हापुर से 11 टन का आवंटन गोवा के 26 टन तरल ऑक्सीजन के कुल आवंटन का 40 प्रतिशत है.</p> <p>उन्होंने कहा, ‘इस प्रकार, कोल्हापुर से ऑक्सीजन की समय पर और पर्याप्त आपूर्ति हमारे रोगियों की बढ़ती जरूरतों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है.’</p> <p>प्रदेश में कोविड19 के सक्रिय मामलों की संख्या 32,900 से अधिक हैं.</p></div> देश में कोरोना का कहर जारी, पिछले 24 घंटे में 3.43 लाख नए मामले आए सामने, 4 हजार लोगों की मौत 2021-05-14T11:22:49+00:00 2021-05-14T11:22:49+00:00 https://hindimirror.net/index.php/en/component/k2/item/161-24-3-43-4.html Super User info@indiamirror.net <div class="K2FeedIntroText"><h2 class="undefined styles-m__story-sub-title__1esy_" style="text-align: center;"><img src="https://hindimirror.net/images/Health/GettyImages.jpg" alt="" /></h2> <h2 class="undefined styles-m__story-sub-title__1esy_">देश में कोरोना की दूसरी लहर का कहर जारी है। बीते 24 घंटे में भी भारत में कोरोना वायरस के कुल 3.43 लाख केस दर्ज किए गए हैं, जो हाल ही के दिनों में कुछ कम हैं। लेकिन चिंता की बात ये है कि अभी भी मौतों का आंकड़ा चार हजार के करीब ही है।</h2> </div><div class="K2FeedFullText"> <div class="story-page-card "> <div class="styles-m__urdu-line-height__2rbMv"> <div class="story-element story-element-text"> <div> <p>देश में कोरोना का कहर जारी है। देश में बीते 24 घंटे में कोरोना के 3,43,144 नए मामले सामने आए हैं। इसके बाद कोरोना के कुल पॉजिटिव मामलों की संख्या 2,40,46,809 हो गई है। 4,000 नई मौतों के बाद कुल मौतों की संख्या 2,62,317 हो गई है। 3,44,776 नए डिस्चार्ज के बाद कुल डिस्चार्ज की संख्या 2,00,79,599 हुई। देश में सक्रिय मामलों की कुल संख्या 37,04,893 है।</p> </div> </div> </div> </div> <div class="story-page-card "> <div class="styles-m__urdu-line-height__2rbMv"> <div class="story-element story-element-text"> <div> <p>बुधवार को, भारत में कोरोना संक्रमण से 4,205 लोगों की मौत हो गई है जबकि 7 मई को देश ने अपने अब तक के कोरोना के सबसे ज्यादा 4,14,188 मामले दर्ज किए थे। भारत में कोविड -19 मामलों की कुल संख्या अब 2,40,46,809 है, जिसमें 37,04,893 सक्रिय मामले हैं और अब तक 2,62,317 लोगों की मौतें हुई हैं।<br /><br />स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, पिछले 24 घंटों में कुल 3,44,776 लोगों के ठीक होने के बाद उन्हें डिस्चार्ज किया गया है। इसी के साथ कोरोना से 2,00,79,599 लोग अब तक ठीक हो चुके हैं।स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि देश में अब तक कुल 17,92,98,584 लोगों को टीका लगाया गया है, जिनमें 20,27,162 वे लोग शामिल हैं, जिन्हें पिछले 24 घंटों में टीके लगाए गए थे।</p> </div> </div> </div> </div> <div> </div> <div class="story-page-card "> <div class="styles-m__urdu-line-height__2rbMv"> <div class="story-element story-element-text"> <div> <p>इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के अनुसार, कोविड -19 के लिए 31,13,24,100 नमूनों का परीक्षण 13 मई तक किया गया है। इनमें से गुरुवार को 18,75,515 नमूनों की जांच की गई।</p> </div> </div> </div> </div></div> <div class="K2FeedIntroText"><h2 class="undefined styles-m__story-sub-title__1esy_" style="text-align: center;"><img src="https://hindimirror.net/images/Health/GettyImages.jpg" alt="" /></h2> <h2 class="undefined styles-m__story-sub-title__1esy_">देश में कोरोना की दूसरी लहर का कहर जारी है। बीते 24 घंटे में भी भारत में कोरोना वायरस के कुल 3.43 लाख केस दर्ज किए गए हैं, जो हाल ही के दिनों में कुछ कम हैं। लेकिन चिंता की बात ये है कि अभी भी मौतों का आंकड़ा चार हजार के करीब ही है।</h2> </div><div class="K2FeedFullText"> <div class="story-page-card "> <div class="styles-m__urdu-line-height__2rbMv"> <div class="story-element story-element-text"> <div> <p>देश में कोरोना का कहर जारी है। देश में बीते 24 घंटे में कोरोना के 3,43,144 नए मामले सामने आए हैं। इसके बाद कोरोना के कुल पॉजिटिव मामलों की संख्या 2,40,46,809 हो गई है। 4,000 नई मौतों के बाद कुल मौतों की संख्या 2,62,317 हो गई है। 3,44,776 नए डिस्चार्ज के बाद कुल डिस्चार्ज की संख्या 2,00,79,599 हुई। देश में सक्रिय मामलों की कुल संख्या 37,04,893 है।</p> </div> </div> </div> </div> <div class="story-page-card "> <div class="styles-m__urdu-line-height__2rbMv"> <div class="story-element story-element-text"> <div> <p>बुधवार को, भारत में कोरोना संक्रमण से 4,205 लोगों की मौत हो गई है जबकि 7 मई को देश ने अपने अब तक के कोरोना के सबसे ज्यादा 4,14,188 मामले दर्ज किए थे। भारत में कोविड -19 मामलों की कुल संख्या अब 2,40,46,809 है, जिसमें 37,04,893 सक्रिय मामले हैं और अब तक 2,62,317 लोगों की मौतें हुई हैं।<br /><br />स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, पिछले 24 घंटों में कुल 3,44,776 लोगों के ठीक होने के बाद उन्हें डिस्चार्ज किया गया है। इसी के साथ कोरोना से 2,00,79,599 लोग अब तक ठीक हो चुके हैं।स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि देश में अब तक कुल 17,92,98,584 लोगों को टीका लगाया गया है, जिनमें 20,27,162 वे लोग शामिल हैं, जिन्हें पिछले 24 घंटों में टीके लगाए गए थे।</p> </div> </div> </div> </div> <div> </div> <div class="story-page-card "> <div class="styles-m__urdu-line-height__2rbMv"> <div class="story-element story-element-text"> <div> <p>इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के अनुसार, कोविड -19 के लिए 31,13,24,100 नमूनों का परीक्षण 13 मई तक किया गया है। इनमें से गुरुवार को 18,75,515 नमूनों की जांच की गई।</p> </div> </div> </div> </div></div> शर्मसार होती इंसानियत! भोपाल के अस्पताल में कोरोना पीड़ित के साथ रेप के बाद महिला ने तोड़ा दम, सवालों में पुलिस 2021-05-14T11:12:10+00:00 2021-05-14T11:12:10+00:00 https://hindimirror.net/index.php/en/component/k2/item/159-2021-05-14-11-14-34.html Super User info@indiamirror.net <div class="K2FeedIntroText"><h2 class="undefined styles-m__story-sub-title__1esy_" style="text-align: center;"><img src="https://hindimirror.net/images/Health/bhopal.jpg" alt="" /></h2> <h2 class="undefined styles-m__story-sub-title__1esy_">भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (बीएमएचआरसी) में पुराना भोपाल के काजी कैंप में रहने वाली 43 वर्षीय महिला को कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर उपचार के लिए भर्ती कराया गया था। महिला से छह अप्रैल को अस्पताल के वार्ड बॉय ने दुष्कर्म किया।</h2> </div><div class="K2FeedFullText"> <div class="story-page-card "> <div class="styles-m__urdu-line-height__2rbMv"> <div class="story-element story-element-text"> <div> <p>मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के एक अस्पताल में कोरोना पीड़ित महिला के साथ हैवानियत हुई और उसने अगल दिन दम तोड़ दिया। इस घटना को एक माह से जयादा का वक्त गुजर जाने के बाद ही परिवार को महिला से हुई ज्यादती की जानकारी ही नहीं दी गई। इसके चलते पुलिस ही सवालों के घेरे में आ गई है। मामला भोपाल के गैस पीड़ितों के लिए बनाए गए भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (बीएमएचआरसी) का है । इस अस्पताल में पुराना भोपाल के काजी कैंप में रहने वाली 43 वर्षीय महिला को कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर उपचार के लिए भर्ती कराया गया था। महिला से छह अप्रैल को अस्पताल के वार्ड बॉय ने दुष्कर्म किया। उसके बाद महिला की तबीयत और बिगड़ी तथा उसने अगले दिन दम तोड़ दिया। दुष्कर्म की घटना के बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया और जेल भेज दिया।</p> </div> </div> </div> </div> <div class="story-page-card "> <div class="styles-m__urdu-line-height__2rbMv"> <div class="story-element story-element-text"> <div> <p>बताया जा रहा है कि अस्पताल के मेल वार्ड बॉय संतोष छह अप्रैल की सुबह चार बजे महिला के कमरे में आया और उससे कहा कि मेडिकल चेकअप करना है। उसने पहले महिला के शरीर से छेड़छाड़, जांच के नाम पर बाथरूम में ले गया और उसके साथ अश्लील हरकत की। उसके बाद महिला की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई, उसे वैंटिलेटर पर रखा और अगले दिन उसने दम तोड़ दिया।</p> </div> </div> </div> </div> <div> </div> <div class="story-page-card "> <div class="styles-m__urdu-line-height__2rbMv"> <div class="story-element story-element-text"> <div> <p>यह मामला तब सामने तब आया जब भोपाल के गैस पीड़ितो की लड़ाई लड़ने वाले संगठनों ने इसे उठाया । उन्होंने भोपाल गैस पीड़ितों के चिकित्सकीय पुनर्वास के लिए बनाई गई समिति के चेयरमैन न्यायाधीश वी के अग्रवाल को पत्र लिखा। भोपाल ग्रुप फॉर इंफॉर्मेशन एंड एक्शन की रचना ढींगरा का कहना है कि गैस पीड़ित संगठनो ने इस शर्मनाक घटना के सम्बंध में 12 मई को चिट्ठी लिख कर और सबूत भी दिए है । साथ ही मांग की है कि इस घटना की जांच हो।<br /><br />उन्होंने आगे कहा इस मामले को हाई कोर्ट के भी संज्ञान में लाया जाए। इसके अलावा चिट्ठी में बीएमएचआरसी के कोविड वार्ड की खामियों के बारे में लिखा है। अभी तक बीएमएचआरसी के प्रबंधन ने सिर्फ इस घटना को दबाने का काम किया है । कोविड वार्ड के जो हालात है उससे तो यह साफ है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए हैं।</p> </div> </div> </div> </div> <div class="story-page-card "> <div class="styles-m__urdu-line-height__2rbMv"> <div class="story-element story-element-text"> <div> <p>पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने टवीट कर कहा, '' मध्यप्रदेश के भोपाल में अस्पताल में भर्ती कोरोना संक्रमित महिला के साथ दुष्कर्म व छेड़छाड़ की घटना, बेहद शर्मनाक ! बड़ा ही शर्मनाक कि पीड़ित महिला की मौत हो गयी और कार्यवाही की बजाय, अस्पताल प्रबंधन व पुलिस ने इस पूरे मामले को दबाये रखा ! ''<br /><br />कमल नाथ ने आगे कहा '' इससे पहले भी इस तरह की घटनाएँ सामने आ चुकी है। क्या बहन- बेटियां अब अस्पताल में भी सुरक्षित नहीं है ? ऐसी घटनाएं मानवता और इंसानियत पर कलंक और प्रदेश को देश भर में शर्मशार करने वाली हैं। ऐसे तत्वों और दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही हो और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिये सरकार तत्काल आवश्यक कदम उठाये।''</p> </div> </div> </div> </div> <div> </div> <div class="story-page-card "> <div class="styles-m__urdu-line-height__2rbMv"> <div class="story-element story-element-text"> <div> <p>पुलिस पर आरोप लग रहे है कि उसने युवती के परिजनो से दुष्कर्म की बात को छुपाए रखा। इस बात को लेकर भोपाल के उप महानिरीक्षक (डीआईजी) की ओर से ट्वीट किया है। इसमें कहा गया है कि '' छह अप्रैल को अस्पताल में भर्ती कोरोना संक्रमित महिला के साथ दुष्कर्म की जानकारी अस्पताल प्रबंधन के माध्यम से पुलिस को मिली। पुलिस ने तत्काल उसी दिन अपराध दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया और उसी दिन जेल भेज दिया। वह अब भी जेल में ही है। भोपाल पुलिस परिजनों के संपर्क में है और विवेचना पूर्ण कर न्याय के लिए प्रकरण न्यायालय में पेश किया जा रहा है।''<br /><br />उप-पुलिस महानिरीक्षक के टवीट में कहा गया है कि '' भोपाल पुलिस द्वारा मामले को दबाने और छुपाने का कोई प्रयास नहीं किया गया है ।''</p> </div> </div> </div> </div></div> <div class="K2FeedIntroText"><h2 class="undefined styles-m__story-sub-title__1esy_" style="text-align: center;"><img src="https://hindimirror.net/images/Health/bhopal.jpg" alt="" /></h2> <h2 class="undefined styles-m__story-sub-title__1esy_">भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (बीएमएचआरसी) में पुराना भोपाल के काजी कैंप में रहने वाली 43 वर्षीय महिला को कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर उपचार के लिए भर्ती कराया गया था। महिला से छह अप्रैल को अस्पताल के वार्ड बॉय ने दुष्कर्म किया।</h2> </div><div class="K2FeedFullText"> <div class="story-page-card "> <div class="styles-m__urdu-line-height__2rbMv"> <div class="story-element story-element-text"> <div> <p>मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के एक अस्पताल में कोरोना पीड़ित महिला के साथ हैवानियत हुई और उसने अगल दिन दम तोड़ दिया। इस घटना को एक माह से जयादा का वक्त गुजर जाने के बाद ही परिवार को महिला से हुई ज्यादती की जानकारी ही नहीं दी गई। इसके चलते पुलिस ही सवालों के घेरे में आ गई है। मामला भोपाल के गैस पीड़ितों के लिए बनाए गए भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (बीएमएचआरसी) का है । इस अस्पताल में पुराना भोपाल के काजी कैंप में रहने वाली 43 वर्षीय महिला को कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर उपचार के लिए भर्ती कराया गया था। महिला से छह अप्रैल को अस्पताल के वार्ड बॉय ने दुष्कर्म किया। उसके बाद महिला की तबीयत और बिगड़ी तथा उसने अगले दिन दम तोड़ दिया। दुष्कर्म की घटना के बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया और जेल भेज दिया।</p> </div> </div> </div> </div> <div class="story-page-card "> <div class="styles-m__urdu-line-height__2rbMv"> <div class="story-element story-element-text"> <div> <p>बताया जा रहा है कि अस्पताल के मेल वार्ड बॉय संतोष छह अप्रैल की सुबह चार बजे महिला के कमरे में आया और उससे कहा कि मेडिकल चेकअप करना है। उसने पहले महिला के शरीर से छेड़छाड़, जांच के नाम पर बाथरूम में ले गया और उसके साथ अश्लील हरकत की। उसके बाद महिला की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई, उसे वैंटिलेटर पर रखा और अगले दिन उसने दम तोड़ दिया।</p> </div> </div> </div> </div> <div> </div> <div class="story-page-card "> <div class="styles-m__urdu-line-height__2rbMv"> <div class="story-element story-element-text"> <div> <p>यह मामला तब सामने तब आया जब भोपाल के गैस पीड़ितो की लड़ाई लड़ने वाले संगठनों ने इसे उठाया । उन्होंने भोपाल गैस पीड़ितों के चिकित्सकीय पुनर्वास के लिए बनाई गई समिति के चेयरमैन न्यायाधीश वी के अग्रवाल को पत्र लिखा। भोपाल ग्रुप फॉर इंफॉर्मेशन एंड एक्शन की रचना ढींगरा का कहना है कि गैस पीड़ित संगठनो ने इस शर्मनाक घटना के सम्बंध में 12 मई को चिट्ठी लिख कर और सबूत भी दिए है । साथ ही मांग की है कि इस घटना की जांच हो।<br /><br />उन्होंने आगे कहा इस मामले को हाई कोर्ट के भी संज्ञान में लाया जाए। इसके अलावा चिट्ठी में बीएमएचआरसी के कोविड वार्ड की खामियों के बारे में लिखा है। अभी तक बीएमएचआरसी के प्रबंधन ने सिर्फ इस घटना को दबाने का काम किया है । कोविड वार्ड के जो हालात है उससे तो यह साफ है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए हैं।</p> </div> </div> </div> </div> <div class="story-page-card "> <div class="styles-m__urdu-line-height__2rbMv"> <div class="story-element story-element-text"> <div> <p>पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने टवीट कर कहा, '' मध्यप्रदेश के भोपाल में अस्पताल में भर्ती कोरोना संक्रमित महिला के साथ दुष्कर्म व छेड़छाड़ की घटना, बेहद शर्मनाक ! बड़ा ही शर्मनाक कि पीड़ित महिला की मौत हो गयी और कार्यवाही की बजाय, अस्पताल प्रबंधन व पुलिस ने इस पूरे मामले को दबाये रखा ! ''<br /><br />कमल नाथ ने आगे कहा '' इससे पहले भी इस तरह की घटनाएँ सामने आ चुकी है। क्या बहन- बेटियां अब अस्पताल में भी सुरक्षित नहीं है ? ऐसी घटनाएं मानवता और इंसानियत पर कलंक और प्रदेश को देश भर में शर्मशार करने वाली हैं। ऐसे तत्वों और दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही हो और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिये सरकार तत्काल आवश्यक कदम उठाये।''</p> </div> </div> </div> </div> <div> </div> <div class="story-page-card "> <div class="styles-m__urdu-line-height__2rbMv"> <div class="story-element story-element-text"> <div> <p>पुलिस पर आरोप लग रहे है कि उसने युवती के परिजनो से दुष्कर्म की बात को छुपाए रखा। इस बात को लेकर भोपाल के उप महानिरीक्षक (डीआईजी) की ओर से ट्वीट किया है। इसमें कहा गया है कि '' छह अप्रैल को अस्पताल में भर्ती कोरोना संक्रमित महिला के साथ दुष्कर्म की जानकारी अस्पताल प्रबंधन के माध्यम से पुलिस को मिली। पुलिस ने तत्काल उसी दिन अपराध दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया और उसी दिन जेल भेज दिया। वह अब भी जेल में ही है। भोपाल पुलिस परिजनों के संपर्क में है और विवेचना पूर्ण कर न्याय के लिए प्रकरण न्यायालय में पेश किया जा रहा है।''<br /><br />उप-पुलिस महानिरीक्षक के टवीट में कहा गया है कि '' भोपाल पुलिस द्वारा मामले को दबाने और छुपाने का कोई प्रयास नहीं किया गया है ।''</p> </div> </div> </div> </div></div> घातक होती जा रही है कोरोना की ये लहर! 24 घंटे में फिर 2 लाख से ज्यादा रिकॉर्ड मामले आए सामने, 1,185 की हुई मौत 2021-04-16T21:12:30+00:00 2021-04-16T21:12:30+00:00 https://hindimirror.net/index.php/en/component/k2/item/156-24-2-1-185.html Super User info@indiamirror.net <div class="K2FeedIntroText"><h2 class="undefined styles-m__story-sub-title__1esy_" style="text-align: center;"><img src="https://hindimirror.net/images/Health/covidnow.jpg" alt="" /></h2> <h2 class="undefined styles-m__story-sub-title__1esy_">कोरोना वायरस की ताजा लहर कितनी घातक है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पिछले दो दिन में ही भारत में चार लाख से अधिक केस सामने आए गए हैं और दो हजार से अधिक लोगों की मौत दर्ज की गई हैं। गुरुवार को भी देश में 2 लाख से ज्यादा केस आए थे।</h2> </div><div class="K2FeedFullText"> <div class="styles-m__urdu-line-height__2rbMv"> <div class="story-element story-element-text"> <div> <p>देश में अब कोरोना वायरस तांडव मचाने लगा है। हर रोज डरावने आंकड़े सामने आ रहे हैं। एक बार फिर शुक्रवार को कोरोना ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। शुक्रवार को भारत में कोरोना के नए मामले एक बार फिर 2 लाख से पार हो गए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में शुक्रवार को कोरोना के कुल 2,17,353 केस सामने आए हैं। जबकि 1,185 लोगों की मौत हुई है।</p> </div> </div> </div> <div class="styles-m__urdu-line-height__2rbMv"> https://twitter.com/ANI/status/1382913374250438659</div> <div class="styles-m__urdu-line-height__2rbMv"> <div class="story-element story-element-text"> <div> <p>एक दिन में एक बार फिर 2 लाख से ज्यादा मामले सामने आने के बाद देश में अब कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1,42,91,917 हो गई है। वहीं कुल एक्टिव केस की संख्या 15,69,743 है, जबकि इस महामारी से मरने वालों की संख्या 1,74,308। कोरोना वायरस की ताजा लहर कितनी घातक है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पिछले दो दिन में ही भारत में चार लाख से अधिक केस सामने आए गए हैं और दो हजार से अधिक लोगों की मौत दर्ज की गई हैं। गुरुवार को भी देश में 2 लाख से ज्यादा केस आए थे।</p> </div> </div> </div> <div class="styles-m__urdu-line-height__2rbMv"> https://twitter.com/ANI/status/1382901122063507459</div> <div class="styles-m__urdu-line-height__2rbMv"> <div class="story-element story-element-text"> <div> <p>दिल्ली में कोरोना का कहर ऐसा है कि अब ये नया एपिसेंटर बन गई है। बीते दिन भी दिल्ली में 17 हजार के करीब केस दर्ज किए गए, जबकि 100 से अधिक लोगों की मौत हुई। ऐसा ही हाल महाराष्ट्र का है, जहां हर दिन आने वाले केसों की संख्या का औसत ही 60 हजार हो गया है। अगर शहर के हिसाब से देखें तो दिल्ली सबसे प्रभावित शहर बनता दिख रहा है, वहीं मुंबई का भी बुरा हाल है। इसके साथ ही देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में भी कोरोना के कारण हाल बेहाल है। यहां बीते दिन भी 22 हजार से अधिक मामले दर्ज किए गए थे, जो अभी तक का रिकॉर्ड है। लखनऊ में अस्पतालों में बेड नहीं है, बेड हैं तो ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं हैं। वहीं, श्मशान घाट के बाहर भी लंबी कतारें लगी हैं।</p> </div> </div> </div></div> <div class="K2FeedIntroText"><h2 class="undefined styles-m__story-sub-title__1esy_" style="text-align: center;"><img src="https://hindimirror.net/images/Health/covidnow.jpg" alt="" /></h2> <h2 class="undefined styles-m__story-sub-title__1esy_">कोरोना वायरस की ताजा लहर कितनी घातक है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पिछले दो दिन में ही भारत में चार लाख से अधिक केस सामने आए गए हैं और दो हजार से अधिक लोगों की मौत दर्ज की गई हैं। गुरुवार को भी देश में 2 लाख से ज्यादा केस आए थे।</h2> </div><div class="K2FeedFullText"> <div class="styles-m__urdu-line-height__2rbMv"> <div class="story-element story-element-text"> <div> <p>देश में अब कोरोना वायरस तांडव मचाने लगा है। हर रोज डरावने आंकड़े सामने आ रहे हैं। एक बार फिर शुक्रवार को कोरोना ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। शुक्रवार को भारत में कोरोना के नए मामले एक बार फिर 2 लाख से पार हो गए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में शुक्रवार को कोरोना के कुल 2,17,353 केस सामने आए हैं। जबकि 1,185 लोगों की मौत हुई है।</p> </div> </div> </div> <div class="styles-m__urdu-line-height__2rbMv"> https://twitter.com/ANI/status/1382913374250438659</div> <div class="styles-m__urdu-line-height__2rbMv"> <div class="story-element story-element-text"> <div> <p>एक दिन में एक बार फिर 2 लाख से ज्यादा मामले सामने आने के बाद देश में अब कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1,42,91,917 हो गई है। वहीं कुल एक्टिव केस की संख्या 15,69,743 है, जबकि इस महामारी से मरने वालों की संख्या 1,74,308। कोरोना वायरस की ताजा लहर कितनी घातक है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पिछले दो दिन में ही भारत में चार लाख से अधिक केस सामने आए गए हैं और दो हजार से अधिक लोगों की मौत दर्ज की गई हैं। गुरुवार को भी देश में 2 लाख से ज्यादा केस आए थे।</p> </div> </div> </div> <div class="styles-m__urdu-line-height__2rbMv"> https://twitter.com/ANI/status/1382901122063507459</div> <div class="styles-m__urdu-line-height__2rbMv"> <div class="story-element story-element-text"> <div> <p>दिल्ली में कोरोना का कहर ऐसा है कि अब ये नया एपिसेंटर बन गई है। बीते दिन भी दिल्ली में 17 हजार के करीब केस दर्ज किए गए, जबकि 100 से अधिक लोगों की मौत हुई। ऐसा ही हाल महाराष्ट्र का है, जहां हर दिन आने वाले केसों की संख्या का औसत ही 60 हजार हो गया है। अगर शहर के हिसाब से देखें तो दिल्ली सबसे प्रभावित शहर बनता दिख रहा है, वहीं मुंबई का भी बुरा हाल है। इसके साथ ही देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में भी कोरोना के कारण हाल बेहाल है। यहां बीते दिन भी 22 हजार से अधिक मामले दर्ज किए गए थे, जो अभी तक का रिकॉर्ड है। लखनऊ में अस्पतालों में बेड नहीं है, बेड हैं तो ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं हैं। वहीं, श्मशान घाट के बाहर भी लंबी कतारें लगी हैं।</p> </div> </div> </div></div> यूपी में कोरोना का कहर, लखनऊ में अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट में नहीं मिली जगह, तो चबूतरे पर ही जला दी चिता 2021-04-16T21:07:59+00:00 2021-04-16T21:07:59+00:00 https://hindimirror.net/index.php/en/component/k2/item/154-2021-04-16-21-10-30.html Super User info@indiamirror.net <div class="K2FeedIntroText"><h2 class="undefined styles-m__story-sub-title__1esy_" style="text-align: center;"><img src="https://hindimirror.net/images/Health/lucknow.jpg" alt="" /></h2> <h2 class="undefined styles-m__story-sub-title__1esy_">लखनऊ के भैंसाकुंड श्मशान घाट में एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। खबर के मुताबिक यहां जब एक परिवार को अपने रिश्तेदार के शव का अंतिम संस्कार करने की जगह नहीं मिली, तो एक चबूतरे पर ही शव का अंतिम संस्कार कर दिया। प्लास्टिक शेड के नीचे ही चिता को मुखाग्नि दे दी जिससे बड़ा हादसा होते होते टल गया।</h2> </div><div class="K2FeedFullText"> <div class="story-page-card "> <div class="styles-m__urdu-line-height__2rbMv"> <div class="story-element story-element-text"> <p>देश भर में कोरोना का कहर जारी है। वहीं यूपी का हाल बेहाल है।लखनऊ में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के साथ हालात बेकाबू होने लगे हैं। यहां कोरोना से मरने वालों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। खबरों के मुताबिक, ज्यादातर श्मशान घाटों में शवों को जलाने के लिए जगह भी कम पड़ रही है। हालात यह है कि चुख लोग श शव का अंतिम संस्कार करने की जगह नहीं मिली, तो उन्होंने प्लास्टिक शेड के नीचे ही चिता में अग्नि दे दी। जिसका परिणाम यह हुआ कि आग की लपटों से शेड पूरी तरह जलकर खाक हो गया। अच्छी बात यह रही कि आग फैली नहीं, वरना कोई बड़ा हादसा हो सकता था।</p> <p>इसी भैसा कुंड श्मशान घाट का एक वीडियो कुछ दिन पहले ही वायरल हुआ था, जिसमें एक साथ कई चिताएं जलाई जा रही थीं। इसके बाद नगर निगम ने घाट के बाहर नीली टीन की शेड की चादर से बाउंड्री बना दी है। जिससे वहां से निकल रहे लोगों और मीडियाकर्मियों को श्मशान के भीतर की स्थिति ना दिखाई पड़े।</p> </div> </div> </div> <div> गौरतलब है कि भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 2,17,353 नए मामले आने के बाद कुल पॉजिटिव मामलों की संख्या 1,42,91,917 हुई। 1,185 नई मौतों के बाद कुल मौतों की संख्या 1,74,308 हो गई है। देश में सक्रिय मामलों की कुल संख्या 15,69,743 है और डिस्चार्ज हुए मामलों की कुल संख्या 1,25,47,866 है।</div> <div class="story-page-card "> <div class="styles-m__urdu-line-height__2rbMv"> <div class="story-element story-element-text"> <p> </p> </div> </div> </div></div> <div class="K2FeedIntroText"><h2 class="undefined styles-m__story-sub-title__1esy_" style="text-align: center;"><img src="https://hindimirror.net/images/Health/lucknow.jpg" alt="" /></h2> <h2 class="undefined styles-m__story-sub-title__1esy_">लखनऊ के भैंसाकुंड श्मशान घाट में एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। खबर के मुताबिक यहां जब एक परिवार को अपने रिश्तेदार के शव का अंतिम संस्कार करने की जगह नहीं मिली, तो एक चबूतरे पर ही शव का अंतिम संस्कार कर दिया। प्लास्टिक शेड के नीचे ही चिता को मुखाग्नि दे दी जिससे बड़ा हादसा होते होते टल गया।</h2> </div><div class="K2FeedFullText"> <div class="story-page-card "> <div class="styles-m__urdu-line-height__2rbMv"> <div class="story-element story-element-text"> <p>देश भर में कोरोना का कहर जारी है। वहीं यूपी का हाल बेहाल है।लखनऊ में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के साथ हालात बेकाबू होने लगे हैं। यहां कोरोना से मरने वालों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। खबरों के मुताबिक, ज्यादातर श्मशान घाटों में शवों को जलाने के लिए जगह भी कम पड़ रही है। हालात यह है कि चुख लोग श शव का अंतिम संस्कार करने की जगह नहीं मिली, तो उन्होंने प्लास्टिक शेड के नीचे ही चिता में अग्नि दे दी। जिसका परिणाम यह हुआ कि आग की लपटों से शेड पूरी तरह जलकर खाक हो गया। अच्छी बात यह रही कि आग फैली नहीं, वरना कोई बड़ा हादसा हो सकता था।</p> <p>इसी भैसा कुंड श्मशान घाट का एक वीडियो कुछ दिन पहले ही वायरल हुआ था, जिसमें एक साथ कई चिताएं जलाई जा रही थीं। इसके बाद नगर निगम ने घाट के बाहर नीली टीन की शेड की चादर से बाउंड्री बना दी है। जिससे वहां से निकल रहे लोगों और मीडियाकर्मियों को श्मशान के भीतर की स्थिति ना दिखाई पड़े।</p> </div> </div> </div> <div> गौरतलब है कि भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 2,17,353 नए मामले आने के बाद कुल पॉजिटिव मामलों की संख्या 1,42,91,917 हुई। 1,185 नई मौतों के बाद कुल मौतों की संख्या 1,74,308 हो गई है। देश में सक्रिय मामलों की कुल संख्या 15,69,743 है और डिस्चार्ज हुए मामलों की कुल संख्या 1,25,47,866 है।</div> <div class="story-page-card "> <div class="styles-m__urdu-line-height__2rbMv"> <div class="story-element story-element-text"> <p> </p> </div> </div> </div></div> कुंभ के बाद से उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण की रफ्तार में 8814 फीसदी की बढ़ोत्तरी, अखाड़े लगा रहे एक-दूसरे पर आरोप 2021-04-16T21:02:21+00:00 2021-04-16T21:02:21+00:00 https://hindimirror.net/index.php/en/component/k2/item/152-8814.html Super User info@indiamirror.net <div class="K2FeedIntroText"><h2 class="undefined styles-m__story-sub-title__1esy_" style="text-align: center;"><img src="https://hindimirror.net/images/Health/uk.jpg" alt="" /></h2> <h2 class="undefined styles-m__story-sub-title__1esy_">हरिद्वार कुंभ की शुरुआत से लेकर अब तक उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण की रफ्तार में 8814 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। इस बीच कोरोना संक्रमण को लेकर अखाड़ों ने एक दूसरे पर आरोप लगाने शुरु कर दिए हैं।</h2> </div><div class="K2FeedFullText"> <div class="story-page-card "> <div class="styles-m__urdu-line-height__2rbMv"> <div class="story-element story-element-text"> <div> <p>उत्तराखंड महाकुंभ को भले ही साधु-संतों ने समाप्त होने की घोषणा कर दी है, लेकिन अब उत्तराखंड में कोरोना कुंभ शुरु होने के लक्षण दिखने लगे हैं। वहीं इसे लेकर अलग-अलग अखाड़ों के बीच महाभारत शुरु हो गया है। सारे अखाड़े अब एक-दूसरे को कोरोना संक्रमण के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। बैरागी अखाड़े का आरोप है कि संन्यासी अखाड़ों की वजह से कोरोना संक्रमण फैला है।</p> <p>दैनिक भास्कर की खबर के मुताबिक निर्मोगी अखाड़े के अध्यक्ष महंत राजेंद्र दास ने कुंभ में बढ़े संक्रमण के लिए अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि को जिम्मेदार ठहराया है।</p> </div> </div> </div> </div> <div class="story-page-card "> <div class="styles-m__urdu-line-height__2rbMv"> <div class="story-element story-element-text"> <div> <p>गौरतलब है कि हरिद्वार कुंभ में आए कम से कम 50 साधु अब तक कोरोना संक्रमित पाए जा चुके हैं। वीहं 200 से ज्यागा साधुओं की कोरोना रिपोर्ट आना अभी बाकी है। इन मामलों को देखते हुए हुए ही निरंजनी अखाड़े ने 15 दिन पहले ही कुंभ मेला खत्म करने का ऐलान कर दिया था। इस अखाड़े के 17 साधु-संतों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। अखाड़े के सचिव रविंद्र पुरी खुद संक्रमित पाए गए हैं। इसके अलावा अखिल भारतीय श्री पंच निर्वाणी अखाड़े के महामंडलेश्वर कपिल देवदास (65) की मौत भी हो चुकी है।</p> <p>दैनिक भास्कर ने जो आंकड़े दिए हैं उसके मुताबिक हरिद्वार कुंभ शुरु होने के बाद से उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण की रफ्तार में 8814 फीसदी की वृद्धि हुई है। भास्कर ने आंकड़े दिए हैं कि 14 फरवरी से 28 फरवरी तक उत्तराखंड में महज 172 लोग संक्रमित पाए गए थे। फिर 1 से 15 अप्रैल के बीच 15,333 लोग कोरोना की चपेट में आए। 14 फरवरी से 14 अप्रैल के बीच का ग्रोथ रेट 8814% आता है।</p> </div> </div> </div> <div class="styles-m__urdu-line-height__2rbMv"> <div class="story-element story-element-image"> <figure><img class="qt-image gm-added gm-loaded gm-observing gm-observing-cb" src="https://gumlet.assettype.com/navjivanindia%2F2021-04%2F7d76fa70-dda6-4f2a-86e5-974ae007ac77%2FUK_Corona_Count.jpg?auto=format%2Ccompress&amp;format=webp&amp;dpr=1.0&amp;q=70&amp;w=700" alt="कुंभ के बाद से उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण की रफ्तार में 8814 फीसदी की बढ़ोत्तरी, अखाड़े लगा रहे एक-दूसरे पर आरोप" data-src="https://gumlet.assettype.com/navjivanindia%2F2021-04%2F7d76fa70-dda6-4f2a-86e5-974ae007ac77%2FUK_Corona_Count.jpg?auto=format%2Ccompress" /> <div class="story-element-caption-attribution-wrapper"> </div> </figure> </div> </div> </div> <div> </div> <div class="story-page-card "> <div class="styles-m__urdu-line-height__2rbMv"> <div class="story-element story-element-text"> <div> <p>इस बीच हर रोज सामने आ रहे नए कोरोना केसों की संख्या में भी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। बताया जाता है कि फरवरी तक हर दिन केवल 30 से 60 के बीच लोग संक्रमित मिलते थे। अब ये संख्या बढ़कर 2,000 से 2,500 हो गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में स्थितियां और भी भयावह हो सकती हैं।</p> <p>इधर हरिद्वार मेला अस्पताल में रोज करीब 150 लोगों की जांच की जा रही है जिनमें से 20 से 25 लोग संक्रमित मिल रहे हैं। अस्पताल कर्मचारियों ने बताया कि ज्यादातर लोगों को अस्पताल के आईसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया है और सारे वार्ड फुल हो रहे हैं। उनका कहना है कि संक्रमित पाए गए लोग उत्तर प्रदेश, गुजरात, मुंबई, महाराष्ट्र, राजस्थान आदि से आए हैं।</p> </div> </div> </div> <div class="dffvfdv"> <div class="story-element-image-gallery" data-test-id="story-element-image-gallery"> <figure class="story-element-image-gallery__image-container custom-cursor" data-test-id="story-element-image-container"><img class="qt-image story-element-image-gallery__image gm-added gm-loaded gm-observing gm-observing-cb" src="https://gumlet.assettype.com/navjivanindia%2F2021-04%2Fb8962422-c99d-4b45-b414-fe2565bbc4dc%2FWhatsApp_Image_2021_04_16_at_11_45_10_AM.jpeg?auto=format%2Ccompress&amp;format=webp&amp;dpr=1.0&amp;q=70&amp;w=240" alt="फोटो : विपिन" data-src="https://gumlet.assettype.com/navjivanindia%2F2021-04%2Fb8962422-c99d-4b45-b414-fe2565bbc4dc%2FWhatsApp_Image_2021_04_16_at_11_45_10_AM.jpeg?auto=format%2Ccompress" /></figure> <figure class="story-element-image-gallery__image-container custom-cursor" data-test-id="story-element-image-container"><img class="qt-image story-element-image-gallery__image gm-added gm-loaded gm-observing gm-observing-cb" src="https://gumlet.assettype.com/navjivanindia%2F2021-04%2F47315ee1-17f6-43c2-996f-54bded4d0615%2FWhatsApp_Image_2021_04_16_at_11_45_07_AM.jpeg?auto=format%2Ccompress&amp;format=webp&amp;dpr=1.0&amp;q=70&amp;w=240" alt="फोटो : विपिन" data-src="https://gumlet.assettype.com/navjivanindia%2F2021-04%2F47315ee1-17f6-43c2-996f-54bded4d0615%2FWhatsApp_Image_2021_04_16_at_11_45_07_AM.jpeg?auto=format%2Ccompress" /></figure> <figure class="story-element-image-gallery__image-container custom-cursor" data-test-id="story-element-image-container"><img class="qt-image story-element-image-gallery__image gm-added gm-loaded gm-observing gm-observing-cb" src="https://gumlet.assettype.com/navjivanindia%2F2021-04%2F247802b3-19ca-49d1-9cee-82a36ff44836%2FWhatsApp_Image_2021_04_16_at_11_45_08_AM__1_.jpeg?auto=format%2Ccompress&amp;format=webp&amp;dpr=1.0&amp;q=70&amp;w=240" alt="फोटो : विपिन" data-src="https://gumlet.assettype.com/navjivanindia%2F2021-04%2F247802b3-19ca-49d1-9cee-82a36ff44836%2FWhatsApp_Image_2021_04_16_at_11_45_08_AM__1_.jpeg?auto=format%2Ccompress" /></figure> <figure class="story-element-image-gallery__image-container custom-cursor" data-test-id="story-element-image-container"><img class="qt-image story-element-image-gallery__image gm-added gm-loaded gm-observing gm-observing-cb" src="https://gumlet.assettype.com/navjivanindia%2F2021-04%2F292d5032-d8b2-4be8-8ea6-9102b0efd19c%2FWhatsApp_Image_2021_04_16_at_11_45_08_AM.jpeg?auto=format%2Ccompress&amp;format=webp&amp;dpr=1.0&amp;q=70&amp;w=240" alt="फोटो : विपिन" data-src="https://gumlet.assettype.com/navjivanindia%2F2021-04%2F292d5032-d8b2-4be8-8ea6-9102b0efd19c%2FWhatsApp_Image_2021_04_16_at_11_45_08_AM.jpeg?auto=format%2Ccompress" /></figure> <figure class="story-element-image-gallery__image-container custom-cursor" data-test-id="story-element-image-container"><img class="qt-image story-element-image-gallery__image gm-added gm-loaded gm-observing gm-observing-cb" src="https://gumlet.assettype.com/navjivanindia%2F2021-04%2Fb093607c-e2e0-401d-9c87-f95fffdd7fcf%2FWhatsApp_Image_2021_04_16_at_11_45_09_AM__1_.jpeg?auto=format%2Ccompress&amp;format=webp&amp;dpr=1.0&amp;q=70&amp;w=240" alt="फोटो : विपिन" data-src="https://gumlet.assettype.com/navjivanindia%2F2021-04%2Fb093607c-e2e0-401d-9c87-f95fffdd7fcf%2FWhatsApp_Image_2021_04_16_at_11_45_09_AM__1_.jpeg?auto=format%2Ccompress" /></figure> <figure class="story-element-image-gallery__image-container custom-cursor" data-test-id="story-element-image-container"><img class="qt-image story-element-image-gallery__image gm-added gm-loaded gm-observing gm-observing-cb" src="https://gumlet.assettype.com/navjivanindia%2F2021-04%2F97c5509f-69ed-4773-a23f-75022b919c39%2FWhatsApp_Image_2021_04_16_at_11_45_09_AM.jpeg?auto=format%2Ccompress&amp;format=webp&amp;dpr=1.0&amp;q=70&amp;w=240" alt="फोटो : विपिन" 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style="text-align: center;"><img src="https://hindimirror.net/images/Health/uk.jpg" alt="" /></h2> <h2 class="undefined styles-m__story-sub-title__1esy_">हरिद्वार कुंभ की शुरुआत से लेकर अब तक उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण की रफ्तार में 8814 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। इस बीच कोरोना संक्रमण को लेकर अखाड़ों ने एक दूसरे पर आरोप लगाने शुरु कर दिए हैं।</h2> </div><div class="K2FeedFullText"> <div class="story-page-card "> <div class="styles-m__urdu-line-height__2rbMv"> <div class="story-element story-element-text"> <div> <p>उत्तराखंड महाकुंभ को भले ही साधु-संतों ने समाप्त होने की घोषणा कर दी है, लेकिन अब उत्तराखंड में कोरोना कुंभ शुरु होने के लक्षण दिखने लगे हैं। वहीं इसे लेकर अलग-अलग अखाड़ों के बीच महाभारत शुरु हो गया है। सारे अखाड़े अब एक-दूसरे को कोरोना संक्रमण के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। बैरागी अखाड़े का आरोप है कि संन्यासी अखाड़ों की वजह से कोरोना संक्रमण फैला है।</p> <p>दैनिक भास्कर की खबर के मुताबिक निर्मोगी अखाड़े के अध्यक्ष महंत राजेंद्र दास ने कुंभ में बढ़े संक्रमण के लिए अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि को जिम्मेदार ठहराया है।</p> </div> </div> </div> </div> <div class="story-page-card "> <div class="styles-m__urdu-line-height__2rbMv"> <div class="story-element story-element-text"> <div> <p>गौरतलब है कि हरिद्वार कुंभ में आए कम से कम 50 साधु अब तक कोरोना संक्रमित पाए जा चुके हैं। वीहं 200 से ज्यागा साधुओं की कोरोना रिपोर्ट आना अभी बाकी है। इन मामलों को देखते हुए हुए ही निरंजनी अखाड़े ने 15 दिन पहले ही कुंभ मेला खत्म करने का ऐलान कर दिया था। इस अखाड़े के 17 साधु-संतों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। अखाड़े के सचिव रविंद्र पुरी खुद संक्रमित पाए गए हैं। इसके अलावा अखिल भारतीय श्री पंच निर्वाणी अखाड़े के महामंडलेश्वर कपिल देवदास (65) की मौत भी हो चुकी है।</p> <p>दैनिक भास्कर ने जो आंकड़े दिए हैं उसके मुताबिक हरिद्वार कुंभ शुरु होने के बाद से उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण की रफ्तार में 8814 फीसदी की वृद्धि हुई है। भास्कर ने आंकड़े दिए हैं कि 14 फरवरी से 28 फरवरी तक उत्तराखंड में महज 172 लोग संक्रमित पाए गए थे। फिर 1 से 15 अप्रैल के बीच 15,333 लोग कोरोना की चपेट में आए। 14 फरवरी से 14 अप्रैल के बीच का ग्रोथ रेट 8814% आता है।</p> </div> </div> </div> <div class="styles-m__urdu-line-height__2rbMv"> <div class="story-element story-element-image"> <figure><img class="qt-image gm-added gm-loaded gm-observing gm-observing-cb" src="https://gumlet.assettype.com/navjivanindia%2F2021-04%2F7d76fa70-dda6-4f2a-86e5-974ae007ac77%2FUK_Corona_Count.jpg?auto=format%2Ccompress&amp;format=webp&amp;dpr=1.0&amp;q=70&amp;w=700" alt="कुंभ के बाद से उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण की रफ्तार में 8814 फीसदी की बढ़ोत्तरी, अखाड़े लगा रहे एक-दूसरे पर आरोप" data-src="https://gumlet.assettype.com/navjivanindia%2F2021-04%2F7d76fa70-dda6-4f2a-86e5-974ae007ac77%2FUK_Corona_Count.jpg?auto=format%2Ccompress" /> <div class="story-element-caption-attribution-wrapper"> </div> </figure> </div> </div> </div> <div> </div> <div class="story-page-card "> <div class="styles-m__urdu-line-height__2rbMv"> <div class="story-element story-element-text"> <div> <p>इस बीच हर रोज सामने आ रहे नए कोरोना केसों की संख्या में भी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। बताया जाता है कि फरवरी तक हर दिन केवल 30 से 60 के बीच लोग संक्रमित मिलते थे। अब ये संख्या बढ़कर 2,000 से 2,500 हो गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में स्थितियां और भी भयावह हो सकती हैं।</p> <p>इधर हरिद्वार मेला अस्पताल में रोज करीब 150 लोगों की जांच की जा रही है जिनमें से 20 से 25 लोग संक्रमित मिल रहे हैं। अस्पताल कर्मचारियों ने बताया कि ज्यादातर लोगों को अस्पताल के आईसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया है और सारे वार्ड फुल हो रहे हैं। उनका कहना है कि संक्रमित पाए गए लोग उत्तर प्रदेश, गुजरात, मुंबई, महाराष्ट्र, राजस्थान आदि से आए हैं।</p> </div> </div> </div> <div class="dffvfdv"> <div class="story-element-image-gallery" data-test-id="story-element-image-gallery"> <figure class="story-element-image-gallery__image-container custom-cursor" data-test-id="story-element-image-container"><img class="qt-image story-element-image-gallery__image gm-added gm-loaded gm-observing gm-observing-cb" src="https://gumlet.assettype.com/navjivanindia%2F2021-04%2Fb8962422-c99d-4b45-b414-fe2565bbc4dc%2FWhatsApp_Image_2021_04_16_at_11_45_10_AM.jpeg?auto=format%2Ccompress&amp;format=webp&amp;dpr=1.0&amp;q=70&amp;w=240" alt="फोटो : विपिन" data-src="https://gumlet.assettype.com/navjivanindia%2F2021-04%2Fb8962422-c99d-4b45-b414-fe2565bbc4dc%2FWhatsApp_Image_2021_04_16_at_11_45_10_AM.jpeg?auto=format%2Ccompress" /></figure> <figure class="story-element-image-gallery__image-container custom-cursor" data-test-id="story-element-image-container"><img class="qt-image story-element-image-gallery__image gm-added gm-loaded gm-observing gm-observing-cb" src="https://gumlet.assettype.com/navjivanindia%2F2021-04%2F47315ee1-17f6-43c2-996f-54bded4d0615%2FWhatsApp_Image_2021_04_16_at_11_45_07_AM.jpeg?auto=format%2Ccompress&amp;format=webp&amp;dpr=1.0&amp;q=70&amp;w=240" alt="फोटो : विपिन" 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story-element-image-gallery__image gm-added gm-loaded gm-observing gm-observing-cb" src="https://gumlet.assettype.com/navjivanindia%2F2021-04%2F292d5032-d8b2-4be8-8ea6-9102b0efd19c%2FWhatsApp_Image_2021_04_16_at_11_45_08_AM.jpeg?auto=format%2Ccompress&amp;format=webp&amp;dpr=1.0&amp;q=70&amp;w=240" alt="फोटो : विपिन" data-src="https://gumlet.assettype.com/navjivanindia%2F2021-04%2F292d5032-d8b2-4be8-8ea6-9102b0efd19c%2FWhatsApp_Image_2021_04_16_at_11_45_08_AM.jpeg?auto=format%2Ccompress" /></figure> <figure class="story-element-image-gallery__image-container custom-cursor" data-test-id="story-element-image-container"><img class="qt-image story-element-image-gallery__image gm-added gm-loaded gm-observing gm-observing-cb" src="https://gumlet.assettype.com/navjivanindia%2F2021-04%2Fb093607c-e2e0-401d-9c87-f95fffdd7fcf%2FWhatsApp_Image_2021_04_16_at_11_45_09_AM__1_.jpeg?auto=format%2Ccompress&amp;format=webp&amp;dpr=1.0&amp;q=70&amp;w=240" alt="फोटो : विपिन" 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gm-loaded gm-observing gm-observing-cb" src="https://gumlet.assettype.com/navjivanindia%2F2021-04%2F4b7688c1-be1c-4191-9bad-089e3da4766e%2FWhatsApp_Image_2021_04_16_at_11_45_06_AM.jpeg?auto=format%2Ccompress&amp;format=webp&amp;dpr=1.0&amp;q=70&amp;w=700" alt="फोटो : विपिन" data-src="https://gumlet.assettype.com/navjivanindia%2F2021-04%2F4b7688c1-be1c-4191-9bad-089e3da4766e%2FWhatsApp_Image_2021_04_16_at_11_45_06_AM.jpeg?auto=format%2Ccompress" /> <figcaption class="story-element-image-title">फोटो : विपिन</figcaption> </figure> </div> </div> </div></div> गुजरात में कोविड-19 की ‘सुनामी’ क्योंकि राज्य सरकार ने अदालत और केंद्र की नहीं सुनी: हाईकोर्ट 2021-04-16T20:52:39+00:00 2021-04-16T20:52:39+00:00 https://hindimirror.net/index.php/en/component/k2/item/149-19.html Super User info@indiamirror.net <div class="K2FeedIntroText"><h3 class="p1" style="text-align: center;"><img src="https://hindimirror.net/images/Health/Covid-19-Deaths.jpg" alt="" /></h3> <h3 class="p1">गुजरात हाईकोर्ट ने राज्य में कोविड-19 की स्थिति और लोगों की समस्याओं पर स्वत: संज्ञान लेते हुए दायर जनहित याचिका को सुनते हुए कहा कि राज्य सरकार ने जितनी चाहिए थी, उतनी सतर्कता नहीं बरती. अदालत ने राज्य सरकार के बेड की उपलब्धता, जांच सुविधा, ऑक्सीजन, रेमडेसिविर इंजेक्शन संबंधी दावों पर भी आशंका जताई है.</h3> </div><div class="K2FeedFullText"> <p class="p1"><span class="s1"><strong>नई दिल्ली</strong>: गुजरात हाईकोर्ट ने बीते गुरुवार को विजय रूपाणी सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि राज्य कोरोना वायरस से संक्रमण के मामलों में ‘सुनामी’ का सामना कर रहा है क्योंकि उसने पूर्व में अदालत और केंद्र द्वारा दिए गए सुझावों पर अमल नहीं किया, साथ ही उतनी सतर्कता नहीं बरती गई जितनी बरती जानी चाहिए थी.</span></p> <p class="p1"><span class="s1">मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ और जस्टिस भार्गव करिया की खंडपीठ ने राज्य सरकार द्वारा बिस्तरों की उपलब्धता, जांच सुविधा, ऑक्सीजन, रेमडेसिविर इंजेक्शन संबंधी दावों पर भी आशंका जताई.</span></p> <p class="p1"><span class="s1">पीठ ने कहा, ‘आशंका है कि भविष्य में स्थिति और भी खराब हो सकती है. इस अदालत ने फरवरी में कुछ सुझाव दिए थे. हमने और कोविड-19 समर्पित अस्पतालों को तैयार करने को कहा था. हमने कहा था कि पर्याप्त बिस्तर उपलब्ध होने चाहिए, जांच की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए, सुनिश्चत करें कि लोग मास्क पहले और सार्वजनिक स्थलों पर सख्त निगरानी रखी जाए.’</span></p> <p class="p1"><span class="s1">अदालत ने कहा, ‘लेकिन, ऐसा लगता है कि राज्य सरकार ने हमारी सलाह पर विचार नहीं किया. इसी वजह से आज कोरोना वायरस महामारी की सुनामी देखी जा रही है. चूंकि, केंद्र लगातार राज्य को इसकी याद दिला रहा था लेकिन सरकार उतनी सतर्क नहीं थी जितनी होनी चाहिए.’’</span></p> <p class="p1"><span class="s1">अदालत ने यह टिप्पणी कोरोना वायरस महामारी की स्थिति और लोगों की समस्या पर स्वत: संज्ञान लेते हुए दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए की.</span></p> <p class="p1"><span class="s1">इसके जवाब में महाधिवक्ता कमल त्रिवेदी ने अदालत को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार मामले में ‘गंभीर’ थी और हर संभव प्रयास कर रही है.</span></p> <p class="p1"><span class="s1">रेमडेसिविर इंजेक्शन की उपलब्धता के बारे में उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में स्थिति में सुधार होगा क्योंकि केंद्र सरकार ने गुजरात सरकार के अनुरोध पर इनके निर्यात पर रोक लगा दी है.</span></p> <p class="p1"><span class="s1">जब अदालत ने जांच सुविधा के बारे में पूछा तो त्रिवेदी ने सूचित किया कि डांग जिले को छोड़ राज्य के सभी जिलों में आरटी-पीसीआर जांच प्रयोगशाला है.</span></p> <p class="p1"><span class="s1">हालांकि, जस्टिस करिया ने त्रिवेदी को सरकार के दावे की दोबारा जांच करने को कहा और रेखांकित किया कि आणंद जिले में प्रयोगशाला नहीं है और नमूने अहमदाबाद लाए जाते हैं. </span><span class="s1">पिछली सुनवाई में दिए गए निर्देश के मुताबिक त्रिवेदी ने पीठ के सामने हलफनामे के जरिये स्थिति रिपोर्ट भी सौंपी.</span></p> <p class="p1"><span class="s1">इसमें बताया कि राज्य के करीब 1,000 अस्पतालों में 71,021 बिस्तर हैं, जिनमें से 12 अप्रैल को केवल 53 प्रतिशत ही भरे थे.</span></p> <p class="p1"><span class="s1">इस जवाब से असंतुष्ट पीठ ने कहा, ‘हमें इस आंकड़ों को लेकर गंभीर आशंका है. आप कह रहे हैं कि केवल 53 प्रतिशत बिस्तर भरे हैं, इसके बावजूद मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है. इस स्थिति में आंकड़े कैसे सही हो सकते हैं?’</span></p> <p class="p1"><span class="s1"><a href="https://www.livelaw.in/news-updates/gujarat-govt-figures-on-covid19-not-matching-with-actual-positive-cases-gujarat-high-court-172636">लाइव लॉ</a> के मुताबिक, कोर्ट ने रेमडेसिविर ड्रग पर राज्य सरकार से स्पष्टीकरण मांगा और कहा, ‘डब्ल्यूएचओ का अलग कांसेप्ट है, आईसीएमआर का दूसरा, राज्य सरकार का अलग ही नियम है. लोगों का कुछ पता ही नहीं चल रहा है. बेवजह रेमडेसिविर अमृत बन गया है.’</span></p> <p class="p1"><span class="s1">महाधिवक्ता ने ये स्वीकार किया कि रेमडेसिविर इंजेक्शन को ड्रग कंट्रोल एक्ट के तहत मंजूरी नहीं मिली हुई है और वर्तमान में आपात स्थिति में ही इसका इस्तेमाल किया जाता है.</span></p> <p class="p1"><span class="s1">उन्होंने कहा, ‘बहुत सारी गलत सूचनाएं इसके बारे में फैलाई जा रही हैं, इसका इस्तेमाल इसलिए बढ़ गया है क्योंकि लोग इसकी मांग करते हैं.’</span></p> <p class="p1"><span class="s1">इस पर मुख्य न्यायाधीश नाथ ने कहा कि लोग नहीं, बल्कि डॉक्टर्स इसका इस्तेमाल करने के लिए कहते हैं.</span></p> <p class="p1"><span class="s1">सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता ने दावा किया कि पूरे देश में एक लाख रेमडेसिविर का उत्पादन किया जा रहा था. लेकिन इसके बढ़ते इस्तेमाल और कम उत्पादन के चलते मांग में बढ़ोतरी हो रही है.</span></p> <p class="p1"><span class="s1">इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा, ‘आप हलफनामा दायर कर ये क्यों नहीं कह देते हैं कि इंजेक्शन हर जगह उपलब्ध है, जब कभी जरूरत पड़ती है तो अस्पताल की पर्ची दिखाकर इसे कोई भी इसे ले सकता है.’</span></p> <p class="p1"><span class="s1">हालांकि बाद में महाधिवक्ता ने कहा डॉक्टर इसका मनमाना इस्तेमाल करने के लिए पर्ची नहीं बना सकते हैं, ऐसी स्थिति में पर्याप्त स्टॉक नहीं बचेगा. </span>हाईकोर्ट ने कहा कि रेमडेसिविर को लेकर फैले भ्रम पर राज्य सरकार खुला बयान जारी करे.</p> <p class="p1"><span class="s1"><a href="https://indianexpress.com/article/india/gujarat-high-court-questions-data-raises-remdesivir-myths-7275517/?utm_source=whatsapp_web&amp;utm_medium=social&amp;utm_campaign=socialsharebuttons">इंडियन एक्सप्रेस</a> के मुताबिक, केंद्र सरकार ने इस मामले में दायर अपने हलफनामे में कहा है कि उन्होंने गुजरात में दो बार अपनी टीमें भेजी थीं और मौजूदा परिस्थितियों की ओर ध्यान दिलाते हुए गुजरात के मुख्य सचिव और प्रधान सचिव (स्वास्थ्य) को पत्र लिखकर हाई पॉजिटिविटी रेट को काबू में लाने के लिए कहा गया था.</span></p> <p class="p1"><span class="s1">उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को कहा गया था कि कोरोना टेस्ट के दौरान आरटी-पीसीआर और एंटीजन टेस्ट के बीच 70:30 का अनुपात बना कर रखें. हालांकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़े दर्शाते हैं कि सात और 13 अप्रैल के बीच हुए टेस्ट में सिर्फ 48 फीसदी ही आरटी-पीसीआर टेस्ट हुए हैं.</span></p> <p class="p1"><span class="s1">केंद्र ने कहा कि पॉजिटिविटी रेट को कम करने के लिए आरटी-पीसीआर और एंटीजन टेस्ट के अनुपात को बनाए रखने की जरूरत है.</span></p></div> <div class="K2FeedIntroText"><h3 class="p1" style="text-align: center;"><img src="https://hindimirror.net/images/Health/Covid-19-Deaths.jpg" alt="" /></h3> <h3 class="p1">गुजरात हाईकोर्ट ने राज्य में कोविड-19 की स्थिति और लोगों की समस्याओं पर स्वत: संज्ञान लेते हुए दायर जनहित याचिका को सुनते हुए कहा कि राज्य सरकार ने जितनी चाहिए थी, उतनी सतर्कता नहीं बरती. अदालत ने राज्य सरकार के बेड की उपलब्धता, जांच सुविधा, ऑक्सीजन, रेमडेसिविर इंजेक्शन संबंधी दावों पर भी आशंका जताई है.</h3> </div><div class="K2FeedFullText"> <p class="p1"><span class="s1"><strong>नई दिल्ली</strong>: गुजरात हाईकोर्ट ने बीते गुरुवार को विजय रूपाणी सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि राज्य कोरोना वायरस से संक्रमण के मामलों में ‘सुनामी’ का सामना कर रहा है क्योंकि उसने पूर्व में अदालत और केंद्र द्वारा दिए गए सुझावों पर अमल नहीं किया, साथ ही उतनी सतर्कता नहीं बरती गई जितनी बरती जानी चाहिए थी.</span></p> <p class="p1"><span class="s1">मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ और जस्टिस भार्गव करिया की खंडपीठ ने राज्य सरकार द्वारा बिस्तरों की उपलब्धता, जांच सुविधा, ऑक्सीजन, रेमडेसिविर इंजेक्शन संबंधी दावों पर भी आशंका जताई.</span></p> <p class="p1"><span class="s1">पीठ ने कहा, ‘आशंका है कि भविष्य में स्थिति और भी खराब हो सकती है. इस अदालत ने फरवरी में कुछ सुझाव दिए थे. हमने और कोविड-19 समर्पित अस्पतालों को तैयार करने को कहा था. हमने कहा था कि पर्याप्त बिस्तर उपलब्ध होने चाहिए, जांच की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए, सुनिश्चत करें कि लोग मास्क पहले और सार्वजनिक स्थलों पर सख्त निगरानी रखी जाए.’</span></p> <p class="p1"><span class="s1">अदालत ने कहा, ‘लेकिन, ऐसा लगता है कि राज्य सरकार ने हमारी सलाह पर विचार नहीं किया. इसी वजह से आज कोरोना वायरस महामारी की सुनामी देखी जा रही है. चूंकि, केंद्र लगातार राज्य को इसकी याद दिला रहा था लेकिन सरकार उतनी सतर्क नहीं थी जितनी होनी चाहिए.’’</span></p> <p class="p1"><span class="s1">अदालत ने यह टिप्पणी कोरोना वायरस महामारी की स्थिति और लोगों की समस्या पर स्वत: संज्ञान लेते हुए दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए की.</span></p> <p class="p1"><span class="s1">इसके जवाब में महाधिवक्ता कमल त्रिवेदी ने अदालत को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार मामले में ‘गंभीर’ थी और हर संभव प्रयास कर रही है.</span></p> <p class="p1"><span class="s1">रेमडेसिविर इंजेक्शन की उपलब्धता के बारे में उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में स्थिति में सुधार होगा क्योंकि केंद्र सरकार ने गुजरात सरकार के अनुरोध पर इनके निर्यात पर रोक लगा दी है.</span></p> <p class="p1"><span class="s1">जब अदालत ने जांच सुविधा के बारे में पूछा तो त्रिवेदी ने सूचित किया कि डांग जिले को छोड़ राज्य के सभी जिलों में आरटी-पीसीआर जांच प्रयोगशाला है.</span></p> <p class="p1"><span class="s1">हालांकि, जस्टिस करिया ने त्रिवेदी को सरकार के दावे की दोबारा जांच करने को कहा और रेखांकित किया कि आणंद जिले में प्रयोगशाला नहीं है और नमूने अहमदाबाद लाए जाते हैं. </span><span class="s1">पिछली सुनवाई में दिए गए निर्देश के मुताबिक त्रिवेदी ने पीठ के सामने हलफनामे के जरिये स्थिति रिपोर्ट भी सौंपी.</span></p> <p class="p1"><span class="s1">इसमें बताया कि राज्य के करीब 1,000 अस्पतालों में 71,021 बिस्तर हैं, जिनमें से 12 अप्रैल को केवल 53 प्रतिशत ही भरे थे.</span></p> <p class="p1"><span class="s1">इस जवाब से असंतुष्ट पीठ ने कहा, ‘हमें इस आंकड़ों को लेकर गंभीर आशंका है. आप कह रहे हैं कि केवल 53 प्रतिशत बिस्तर भरे हैं, इसके बावजूद मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है. इस स्थिति में आंकड़े कैसे सही हो सकते हैं?’</span></p> <p class="p1"><span class="s1"><a href="https://www.livelaw.in/news-updates/gujarat-govt-figures-on-covid19-not-matching-with-actual-positive-cases-gujarat-high-court-172636">लाइव लॉ</a> के मुताबिक, कोर्ट ने रेमडेसिविर ड्रग पर राज्य सरकार से स्पष्टीकरण मांगा और कहा, ‘डब्ल्यूएचओ का अलग कांसेप्ट है, आईसीएमआर का दूसरा, राज्य सरकार का अलग ही नियम है. लोगों का कुछ पता ही नहीं चल रहा है. बेवजह रेमडेसिविर अमृत बन गया है.’</span></p> <p class="p1"><span class="s1">महाधिवक्ता ने ये स्वीकार किया कि रेमडेसिविर इंजेक्शन को ड्रग कंट्रोल एक्ट के तहत मंजूरी नहीं मिली हुई है और वर्तमान में आपात स्थिति में ही इसका इस्तेमाल किया जाता है.</span></p> <p class="p1"><span class="s1">उन्होंने कहा, ‘बहुत सारी गलत सूचनाएं इसके बारे में फैलाई जा रही हैं, इसका इस्तेमाल इसलिए बढ़ गया है क्योंकि लोग इसकी मांग करते हैं.’</span></p> <p class="p1"><span class="s1">इस पर मुख्य न्यायाधीश नाथ ने कहा कि लोग नहीं, बल्कि डॉक्टर्स इसका इस्तेमाल करने के लिए कहते हैं.</span></p> <p class="p1"><span class="s1">सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता ने दावा किया कि पूरे देश में एक लाख रेमडेसिविर का उत्पादन किया जा रहा था. लेकिन इसके बढ़ते इस्तेमाल और कम उत्पादन के चलते मांग में बढ़ोतरी हो रही है.</span></p> <p class="p1"><span class="s1">इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा, ‘आप हलफनामा दायर कर ये क्यों नहीं कह देते हैं कि इंजेक्शन हर जगह उपलब्ध है, जब कभी जरूरत पड़ती है तो अस्पताल की पर्ची दिखाकर इसे कोई भी इसे ले सकता है.’</span></p> <p class="p1"><span class="s1">हालांकि बाद में महाधिवक्ता ने कहा डॉक्टर इसका मनमाना इस्तेमाल करने के लिए पर्ची नहीं बना सकते हैं, ऐसी स्थिति में पर्याप्त स्टॉक नहीं बचेगा. </span>हाईकोर्ट ने कहा कि रेमडेसिविर को लेकर फैले भ्रम पर राज्य सरकार खुला बयान जारी करे.</p> <p class="p1"><span class="s1"><a href="https://indianexpress.com/article/india/gujarat-high-court-questions-data-raises-remdesivir-myths-7275517/?utm_source=whatsapp_web&amp;utm_medium=social&amp;utm_campaign=socialsharebuttons">इंडियन एक्सप्रेस</a> के मुताबिक, केंद्र सरकार ने इस मामले में दायर अपने हलफनामे में कहा है कि उन्होंने गुजरात में दो बार अपनी टीमें भेजी थीं और मौजूदा परिस्थितियों की ओर ध्यान दिलाते हुए गुजरात के मुख्य सचिव और प्रधान सचिव (स्वास्थ्य) को पत्र लिखकर हाई पॉजिटिविटी रेट को काबू में लाने के लिए कहा गया था.</span></p> <p class="p1"><span class="s1">उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को कहा गया था कि कोरोना टेस्ट के दौरान आरटी-पीसीआर और एंटीजन टेस्ट के बीच 70:30 का अनुपात बना कर रखें. हालांकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़े दर्शाते हैं कि सात और 13 अप्रैल के बीच हुए टेस्ट में सिर्फ 48 फीसदी ही आरटी-पीसीआर टेस्ट हुए हैं.</span></p> <p class="p1"><span class="s1">केंद्र ने कहा कि पॉजिटिविटी रेट को कम करने के लिए आरटी-पीसीआर और एंटीजन टेस्ट के अनुपात को बनाए रखने की जरूरत है.</span></p></div>